केदारनाथ त्रासदी: लापता 3 हजार शवों की तलाश में सर्च ऑपरेशन शुरू, बनाई गई 10 टीमें

उत्तराखंड पुलिस ने एक बार फिर से लापता और मारे लोगों के शवों का सर्च अभियान शुरू किया है, जहां उनका डीएनए टेस्ट करने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Advertisement
2013 में केदारनाथ में आई भीषण तबाही की तस्वीर (फाइल फोटो-PTI) 2013 में केदारनाथ में आई भीषण तबाही की तस्वीर (फाइल फोटो-PTI)

दिलीप सिंह राठौड़

  • देहरादून,
  • 17 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST
  • सात दिन तक चलेगा सर्च ऑपरेशन
  • उत्तराखंड पुलिस और SDRF की टीम करेगी सर्च
  • स्थानीय लोगों की भी ली जाएगी मदद

उत्तराखंड के केदारनाथ में 2013 की आपदा में को पूरी दुनिया ने देखा, जहां हजारों लोग मारे गये और हजारों लापता हो गये, जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चला है. उत्तराखंड पुलिस ने एक बार फिर से लापता और मारे लोगों के शवों का सर्च अभियान शुरू किया है, जहां उनका डीएनए टेस्ट करने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Advertisement

अब से शुरू किए जाने वाले सात (एक हफ्ते) दिवसीय सघन खोजबीन अभियान के लिए पुलिस की दस टीमों का गठन किया गया है. नर कंकालों की खोजबीन के लिए बीते छह वर्षों में शासन द्वारा कई सर्च अभियान चलाए जा चुके हैं, जिसमें 700 से अधिक कंकाल मिले थे, जबकि अभी भी 3000 से ज्यादा लोगों के शव बरामद नहीं हो पाये हैं.

आपको बता दें कि 2013 की आपदा के दौरान भारतीय सेना और पुलिस द्वारा हजारों लोगों का रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गयी थी. रेस्क्यू दलों द्वारा चार हजार से अधिक शव बरामद किए गए थे, लेकिन 37 सौ से ज्यादा लोग तब से अब तक गायब हैं. कई बार सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें पुलिस को 700 शव बरामद करने में सफलता मिली थी. 

आज से दोबारा पुलिस द्वारा कंकालों की खोजबीन शुरू की जा रही है. इसके लिए पुलिस और एसडीआरएफ द्वारा संयुक्त रूप से दस टीमों के माध्यम से सर्च अभियान चलाया जाएगा. स्थानीय निवासियों का भी सहयोग लिया जायेगा. स्थानीय निवासियों को सभी तरह की जानकारी बाकी लोगों से अधिक होती है और वो रास्तों से भी अंजान नहीं होते हैं.

Advertisement

टीम में रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी गढ़वाल से सात उप निरीक्षक और 20 आरक्षी के साथ एसडीआरएफ के तीन उप निरीक्षक, एक मुख्य आरक्षी और 19 आरक्षी शामिल हैं. साथ ही रुद्रप्रयाग जिले से 10 फार्मेसिस्ट भी टीम में हैं. प्रत्येक टीम में उप निरीक्षक समेत पुलिस व एसडीआरएफ के दो-दो आरक्षी और एक फार्मेसिस्ट को रखा गया है. 

टीमों को रात्रि प्रवास की सामग्री स्लीपिंग बैग समेत सुरक्षा उपकरण और वीडियोग्राफी के लिए कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं. आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर ये अभियान चलाया जा रहा है, जो भी शव या कंकाल प्राप्त होगा उसका डीएनए टेस्ट करने के बाद उनसे संबंधित लोगों को सूचित किया जाएगा.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement