हरिद्वार जिले के झबरेड़ा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाति ने बिजली कटौती से गुस्सा होकर रुड़की में विद्युत विभाग के तीन बड़े अधिकारियों के घरों की लाइट काट दी. वीरेंद्र जाति मंगलवार को सीढ़ी और औजार लेकर खुद बिजली के खंभों पर चढ़ गए और चीफ इंजीनियर अनुपम सिंह, सुपरिटेंडिंग इंजीनियर विवेक राजपूत और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विनोद पांडे के सरकारी आवासों के कनेक्शन काट दिए.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, विधायक ने यह कदम झबरेड़ा में रोजाना हो रही 5 से 8 घंटे की अघोषित बिजली कटौती के विरोध में उठाया. इस मामले में बिजली विभाग ने सरकारी काम में बाधा डालने और नियमों के उल्लंघन के आरोप में रुड़की सिविल लाइंस थाने में विधायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र जाति मंगलवार को अपने समर्थकों के साथ अचानक रुड़की पहुंचे. उनके हाथ में बिजली काटने वाले औजार और एक सीढ़ी थी. उन्होंने सबसे पहले बोट क्लब स्थित सुपरिटेंडिंग इंजीनियर विवेक राजपूत के घर के बाहर खंभे पर चढ़कर बिजली काटी. इसके बाद उनका काफिला चीफ इंजीनियर और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के घर पहुंचा, जहां उन्होंने बारी-बारी से अधिकारियों को 'अंधेरे' का अहसास कराया. विधायक के इस रूप को देखकर विभाग में हड़कंप मच गया.
जनता का दर्द और विधायक का तर्क
विधायक वीरेंद्र जाति का आरोप है कि उनके क्षेत्र में जनता पिछले कई दिनों से बिना बताए हो रही भारी बिजली कटौती से त्रस्त है. उन्होंने कहा कि व्यापार चौपट हो रहा है और वह 10 दिनों से विभाग के सामने यह मुद्दा उठा रहे थे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. जाति ने अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि वे लोग सिर्फ एक घंटे की कटौती से परेशान हो गए, जबकि आम जनता हर दिन घंटों अंधेरे में रहने को मजबूर है.
पुलिस केस और विभाग के आरोप
बिजली विभाग ने विधायक की इस कार्रवाई को बेहद खतरनाक बताया है. रुड़की सिविल लाइंस थाने में दी गई शिकायत में विभाग ने कहा कि विधायक ने बिना 'प्रॉपर शटडाउन' लिए लाइनें काट दीं, जिससे कोई बड़ा हादसा हो सकता था. विभाग का मानना है कि यह नियमों का खुला उल्लंघन और सरकारी कार्य में सीधा हस्तक्षेप है. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, वहीं विधायक की यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
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