उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र, जो 19 अगस्त से 22 अगस्त तक चलना था, हंगामे और विपक्षी कांग्रेस के हल्ला बोल के बीच महज 2 घंटे 40 मिनट की कार्यवाही के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेस विधायकों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. विपक्ष का कहना था कि सरकार जनहित से जुड़े सवालों पर जवाब देने से बच रही है. लगातार शोरगुल और नारेबाजी के चलते सदन का माहौल बिगड़ता गया. अंततः विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाना संभव न देखते हुए सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया.
9 विधेयक पारित
कम समय के बावजूद सदन में कुल 9 विधेयक और अनुपूरक बजट पारित किए गए. इनमें कई महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं. उत्तराखंड विनियोग (2025-26) अनुपूरक विधेयक, श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिर अधिनियम संशोधन विधेयक, धर्म स्वतंत्रता एवं विधि विरुद्ध प्रतिषेध संशोधन विधेयक, निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, साक्षी संरक्षण निरसन विधेयक, अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक, पंचायती राज संशोधन विधेयक और लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक.
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अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक पर जोर
पारित विधेयकों में अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक को सबसे अहम माना जा रहा है. इस विधेयक के तहत सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए एक अलग प्राधिकरण गठित होगा और मदरसों को मान्यता प्रदान की जाएगी. इसे सरकार की बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है.
अंकित शर्मा