UP में करोड़ों के राशन घोटाले में STF ने शुरू की कार्रवाई, 3 गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने खाद्यान्न घोटाला मामले में तीन लोगों को पकड़ा है. इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अल्तमश और पुष्पेंद्र पाल के रूप में हुई है. पुष्पेंद्र पाल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

राम कृष्ण / कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 17 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:12 AM IST

उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग के बायोमैट्रिक राशन वितरण प्रणाली में सेंध लगाकर और आधार संख्या बदलकर करोड़ों रुपये के राशन घोटाला मामले में एसटीएफ ने पहली कार्रवाई की है. पूरे सूबे में करीब 1000 केंद्रों पर ऐसे घोटाले किए गए. पीओएस मशीन के डेटा में छेड़छाड़ की गई, खाद्यान्न विभाग के डेटा फीडिंग सिस्टम का दुरुपयोग किया गया और पासवर्ड ID पता लगाकर दूसरों के नाम के राशन चुराए गए.

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यूपी एसटीएफ ने इस पूरे घोटाले का भंडाफोड़ किया है. अभी तक करीब 20 करोड़ रुपये के अनाज का फर्जीवाड़ा सामने आया है. यूपी एसटीएफ ने खाद्यान्न घोटाले में तीन घोटालेबाजों को पकड़ा है. इन आरोपियों की पहचान मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अल्तमश और पुष्पेंद्र पाल के रूप में हुई है. पुष्पेंद्र पाल को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

ये आरोपी कोटेदार और कंप्यूटर ऑपरेटर हैं. इन्होंने अंगूठा लगाकर आधार कार्ड का बेजा इस्तेमाल किया. गिरफ्तार आरोपियों में से दो लखनऊ के रहने वाले हैं, जबकि एक नोएडा का है. सूबे की राजधानी लखनऊ में ही खाद्यान्न घोटाले से जुड़ी दो दर्जन FIR दर्ज हैं. आलमबाग, सहादतगंज, ठाकुरगंज चौक समेत कई थाना क्षेत्रों में ये मामले दर्ज किए गए हैं.

राज्य सरकार को इस घोटाले का तब पता चला, जब कई जिलों से बड़ी संख्या में लोगों को राशन न मिलने की शिकायतें सामने आईं. इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार ने मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी और मामले की जांच के आदेश दिए थे. बताया जा रहा है कि प्रदेश के 43 जिलों में 1.86 लाख से अधिक परिवारों का राशन बाजार में बेचा गया.

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यह मामला सामने आने के बाद यूपी के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अतुल गर्ग ने कहा था, 'जबसे हमारी सरकार सत्ता में आई है, तबसे हमने पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश की है. लाभार्थियों को राशन पहुंचाने के लिए आधार कार्ड को लिंक करने वाली एजेंसी दोषी है.'

उन्होंने कहा था कि इस फर्जीवाड़े में शामिल बहुत से लोगों के खिलाफ पहले ही कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है. और भी बहुत आरोपियों की पहचान की जा रही है. हम एफआईआर दर्ज कर रहे हैं और घोटाले में शामिल एक-एक व्यक्ति को दंडित किया जाएगा. उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा. हम तीन महीन में ही इस फर्जीवाड़े को पकड़ने में कामयाब रहे. भ्रष्टाचार को लेकर हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है.

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