संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने यूपी सरकार से मकुल गोयल (Mukul Goyal) को डीजीपी के पद से हटाने का कारण पूछा था. अब सरकार ने कारण साफ कर दिया है. यूपी सरकार ने जवाब में कहा है कि मुकुल गोयल डीजीपी बनने लायक नहीं थे. वरिष्ठता के साथ साथ क्षमता भी होनी चाहिए.
यूपी सरकार ने यूपीएससी को भेजे जवाब में लिखा, पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल 2006-7 में भर्ती घोटाले के भी आरोपी रहे थे. मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान एडीजी एलओ थे और उन्हें हटाया गया था. सहारनपुर में सस्पेंड किए गए थे, डीजीपी रहते अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार की शिकायत के कारण हटाया गया था.
कहा जा रहा है कि यूपी सरकार के यूपीएसपी को दिए उनके सवालों के जवाब दे दिए गए हैं. अब यूपी सरकार के स्थाई डीजीपी को लेकर यूपीएससी की बैठक भी जल्द हो सकती है.
गौरतलब है कि, प्रदेश सरकार ने इसी साल 2022 में ही 11 मई को मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटा दिया था. इसके बाद 13 मई को देवेंद्र सिंह चौहान कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए थे. मुकुल गोयल जून 2021 से करीब 11 महीने तक यूपी के डीजीपी पद पर रहे थे.
यूं होता है डीजीपी का चयन
डीजीपी के चयन के लिए पैनल में उसी अफसर का नाम शामिल किया जाता है, जिसके रिटायरमेंट में कम से कम 6 माह का वक्त बाकी हो. मुकुल गोयल के रिटायरमेंट में फरवरी 2024 में यानी डेढ़ साल का वक्त बाकी है. वहीं, दूसरे नंबर पर 88 बैच के आईपीएस आरके विश्वकर्मा हैं जो मई 2023 में रिटायर होंगे. लेकिन वर्तमान में कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान का रिटायरमेंट मार्च 2023 में हो रहा है.
यह था UPSC का कहना
यूपीएससी का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होना चाहिए. इससे पहले अगर भ्रष्टाचार, अपराधिक मामलों में सजा, भारतीय सेवा नियमों के उल्लंघन का मामला साबित होने पर ही किसी को डीजीपी पद से हटाया जा सकता है. आयोग ने जवाब मांगा कि मुकुल गोयल के खिलाफ क्या ऐसा कोई मामला था? और अगर मुकुल गोयल के खिलाफ भ्रष्टाचार अपराधिक मामलों में सजा या कोई अन्य मामला बनता है तो उसके दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं.
संतोष शर्मा / कुमार अभिषेक