भारत में लंबे समय से नॉर्थ इंडिया और साउथ इंडिया के बहाने दिलों में दूरी पैदा करने वाले अंतरविरोधों को समाप्त करके एक भारत-श्रेष्ठ भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का वक्त आ गया है. देश की धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी काशी में एक महीने तक आयोजित होने वाला काशी तमिल संगमम् नि:संदेह उत्तर-दक्षिण भारत के निगेटिव नैरेटिव को तोड़ने में मददगार साबित होगा. द्रविण संस्कृति के केंद्रबिंदु तमिलनाडु की संस्कृति, खान-पान, गीत-संगीत का काशी में सीधे साक्षात्कार होने जा रहा है. 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले एक महीने तक चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम्’ का विधिवत उद्घाटन करेंगे. इसके साथ ही भगवान विश्वेश्वर की धरती पर रामेश्वर की संस्कृति प्रकाशमान होगी. इस दौरान तमिलनाडु के सभी जिलों से पूरे एक माह ढाई हजार से तीन हजार तमिल इस महाआयोजन के साक्षी भी बनेंगे.
वाराणसी में बीएचयू के एम्फीथिएटर ग्राउंड में तमिलनाडु की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के लिए 75 स्टाल आकार ले रहे हैं. इनमें तमिलनाडु के हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा फ्रीडम फाइटर्स पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. नेशनल बुक ट्रस्ट की प्रदर्शनी, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ लैंग्वेज की ओर से प्रदर्शनी और पब्लिक कन्वर्सेशन का भी आयोजन होगा. 30 दिन तक चलने वाले काशी तमिल संगमम् में 51 सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. इसमें तमिलनाडु के करीब-करीब सभी रंग दिखेंगे.
तमिलनाडु की संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्यतः मीनाक्षी चितरंजन का भरतनाट्यम, तमिलनाडु का फोक म्यूजिक, इरुला व अन्य ट्राइबल नृत्य, विल्लुपाट्ट एक प्राचीन संगीतमय कथा-कथन, पौराणिक ऐतिहासिक ड्रामा, शिव पुराण, रामायण और महाभारत पर आधारित कठपुतली शो आदि देखने को मिलेंगे, जो ये दर्शाएंगे कि काशी और तमिलनाडु की भाषा, खान-पान, रहन सहन भले ही अलग हो, लेकिन अभिव्यक्ति का तरीका और इसकी आत्मा एक ही है.
कार्यक्रम यात्रा की रूपरेखा
तमिल कार्तिक महीने की शुरुआत 17 नवंबर से होने के साथ ही वैसे तो वाराणसी में काशी तमिल संगमम् का आगाज हो चुका है. किन्तु इसका विधिवत उद्घाटन 19 नवंबर को प्रधानमंत्री के हाथों होना है. काशी तमिल संगमम् में 12 अलग-अलग समूहों में लगभग 2500 से 3000 लोग तमिलनाडु से 18 नवंबर को वाराणसी पहुंच रहे हैं. हर ग्रुप की यात्रा 8 दिन की होगी, जिसमे 2 दिनों की यात्रा तमिलनाडु से वाराणसी पहुंचने की भी शामिल होगी. दल दो दिन वाराणसी में रहेगा तथा हनुमान घाट पर गंगा स्नान, सुब्रह्मण्य भारती के आवास पर जाना, काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन, सारनाथ आर्कियोलॉजिकल साइट एंड म्यूजियम, गंगा आरती और 84 घाटों का नाव से अवलोकन और शाम को बीएचयू में सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होना शामिल है. वाराणसी के बाद दो दिनों में प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा भी प्रस्तावित है और फिर दो दिनों की वापसी की यात्रा होगी.
इसके लिए रामेश्वरम, चेन्नई व कोयंबटूर से 3 ट्रेन में अतिरिक्त 3 स्पेशल कोच लगेंगे जो दो दिन के अंतराल पर प्रति सप्ताह काशी आएगी. कार्यक्रम का नोडल मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय है. आईआईटी चेन्नई तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम के लिए नोडल इंस्टिट्यूट नियुक्त किया गया है.
ग्रुप के दिन और कार्यक्रम
सभी ग्रुप के लिए वाराणसी के दिन भी निश्चित हो गए हैं, जिनमे छात्रों का दल 19 से 20 नवंबर, हस्तशिल्पियों का दल 22 और 23 नवंबर, साहित्यकारों का दल 23 व 24 नवंबर, अध्यात्म जगत से जुड़े लोगों का दल 26 से 27 नवंबर, व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों का दल 30 नवंबर से 1 दिसंबर, शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का दल 2 से 3 दिसंबर, हेरिटेज से जुड़े लोगों का दल 4 व 5 दिसम्बर, नवउद्यमियों का दल 7 व 8 दिसम्बर को, प्रोफेशनल्स का दल 8 व 9 दिसंबर को, मंदिर के पुजारियों, महंतों और अर्चकों का दल 10 व 11 दिसम्बर को, ग्रामीण-कृषकों का दल 13 व 14 दिसम्बर को, संस्कृतिकर्मियों का दल 15 व 16 दिसम्बर को काशी तमिल संगमम में शामिल होगा. भ्रमण के दूसरे दिन इन सब ग्रुप के 3 घंटे के विषय संबंधित कार्यक्रम होंगे, जिसमें से 7 कार्यक्रम बीएचयू में, 2 कार्यक्रम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में और 3 कार्यक्रम ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में आयोजित होंगे.
19 नवंबर से 16 दिसंबर का वह वक्त रहेगा जब पूरा का पूरा तमिलनाडु काशी में उतरा नजर आएगा और एक माह तक इस उत्तर और दक्षिण के मिलन के दौरान सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, सामजिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान होगा. माह पर्यंत चलने वाला 'काशी-तमिल संगमम' कार्यक्रम BHU के एमपी थियेटर ग्राउंड में होगा. जिसका शुभारंभ पीएम मोदी के हाथों 19 नवंबर से होगा. पीएम करीब दो घंटे BHU के कार्यक्रम मो तो वाराणसी में पूरे साढ़े तीन घंटे बिताने के बाद वापस दिल्ली रवाना हो जाएंगे.
काशी-तमिल संगमम के सांस्कृतिक प्रभारी वाराणसी परिक्षेत्र के पुरातत्व अधिकारी सुभाष यादव ने बताया कि यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण के संगम का सुंदर प्रयास है. कोशिश है कि कार्यक्रम पूरी तरह से सफल रहे. 17 नवंबर से तमिलनाडु का कार्तिक मास शुरू होगा जो एक माह तक चलेगा. तमिल की परंपरा के अनुसार वहां के लोग शिव मंदिरों में पूरे कार्तिक मास दीपक जलाते हैं. इस बार निवेदन है कि तमिलनाडु के लोग काशी विश्वनाथ धाम में दीपक जलाए. इसी के तहत एक माह तक कार्यक्रम आयोजित होगा. जिसमें 12 ग्रुप में ढाई हजार लोग वाराणसी आएंगे और भ्रमण करेंगे और फिर प्रयागराज, अयोध्या होकर वापस काशी आकर तमिलनाडु वापस चले जाएंगे.
इस दौरान पूरे एक माह तक वाराणसी के BHU के एमपी थियेटर ग्राउंड में तमिलनाडु के हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, कुजिन और शैक्षिणिक प्रदर्शनी भी लगेगी. वाराणसी के लोगों के लिए प्रदर्शनी लगेगी और प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम में पूरे माह में तमिलनाडु के लगभग 500 कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इस तरह पूरे माह का यह भव्य आयोजन है.
उन्होंने आगे बताया कि जिस तरह का सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक समन्वय हो सकता है, यह पूरे देश को देखने को मिलेगा. उन्होंने आगे बताया कि पूरे एक माह अलग-अलग विधा के लोग छात्र, अध्यापक, धार्मिक और व्यापारी लोग भी इसमें शामिल होंगे. इस तरह से यह न केवल सांस्कृतिक समन्वय है, बल्कि आर्थिक, धार्मिक, सामाजिक सामन्जस्य भी है.
मीडिया से बात करते हुए वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस आयोजन में शामिल होने पीएम मोदी 19 नवम्बर को काशी आ रहे हैं और करीब 3 से 3.30 घण्टे तक वाराणसी में रहेंगे. पीएम का सभी कार्यक्रम बीयचयू एम्फीथिएटर में ही है. काशी में क्योंकि अलग अलग जाति और सभ्यता के लोग रहते आ रहे है. बड़ी सँख्या में यहां भी तमिल भाषियों का रहना होता है. इस लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है. काशी के इस बहुउद्देशीय आयोजन के लिए काशी तैयार हो चुकी हैं. करीब 12 ग्रुपो में तमिलनाडु के अलग अलग जिले कस्बे और तहसील से लोग आएंगे जिसमे ढाई हजार लोग शामिल है. एक ग्रुप का यूपी का 4 दिन का दौरा रहेगा. जिसमे यह काशी के पौराणिक और आध्यात्मिक और सभ्यता को जान सकेंगे.
बनारस के साथ यह लोग अयोध्या और प्रयागराज भी जाएंगे. आज तमिलनाडु के चेन्नई से करीब 200 लोग का जत्था वाराणसी के लिए रवाना हुआ जो कल 18-19 नवंबर की मध्य रात्रि करीब 1 बजे तक वाराणसी के बनारस ( मंडुवाडीह) रेलवे स्टेशन पहुँचेगा. इनका स्टेशन से लेकर होटल तक भव्य स्वागत किया जाएगा. इस आयोजन के काशी के पर्यटन का बढ़ावा मिलेगा. वही पीएम मोदी बीयचयू में तमिलनाडु से आने वाले मेहमानों से मिलेंगे तो एम्फलिथिएटर के ग्राउंड में 12 हजार लोगों की जनसभा को करेंगे सम्बोधित भी करेंगे.
रोशन जायसवाल