'मैं छाती पर पैर रखकर नाचता हूं' जब पुलिसवालों पर भड़के लक्ष्मीकांत वाजपेयी

राज्यसभा सांसद और झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी रविवार को स्कूटी चलाकर मेरठ के सर्किट हाउस में जम्मू कश्मीर के लेफ़्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उनको नहीं पहचाना. इस पर लक्ष्मीकांत वाजपेयी भड़क गए और कहा कि इनको वो पसंद आता है जो कार से आता है...

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राज्यसभा सांसद और झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी राज्यसभा सांसद और झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी

शिल्पी सेन

  • लखनऊ,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

बीजेपी से राज्यसभा सांसद और झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी रविवार को स्कूटी चलाकर मेरठ के सर्किट हाउस में जम्मू कश्मीर के लेफ़्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मिलने पहुंचे थे, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उनको नहीं पहचाना. उन्होंने लक्ष्मीकांत वाजपेयी को अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया.

लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनायी. उन्होंने कहा, 'इनको वो पसंद आता है जो कार से आता है, जो खुद कमाता है और इनको कमवाता है, हम न पैसा लेते हैं, न देते हैं.' इसके साथ ही चेतावनी देते हुए कहा, 'फ़क़ीर जिस दिन उलट देता है जान बचानी मुश्किल हो जाती है...ये मेरठ है... रावण की ससुराल...'

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क्या है पूरा मामला

दरअसल जम्मू कश्मीर के लेफ़्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा रविवार को मेरठ पहुंचे थे. सर्किट हाउस में उनसे मिलने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और जन प्रतिनिधि पहुंच रहे थे. ऐसे में सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी अपनी स्कूटी चलाकर पहुंचे, लेकिन मौक़े पर मौजूद अधिकारियों ने उनको नहीं पहचाना और वाजपेयी को गेट के अंदर जाने से रोक दिया गया.

इसके बाद लक्ष्मीकान्त वाजपेयी आक्रोशित हो गए. उनका वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि पुलिस अधिकारियों ने गलती मानकर उनकी बात सुनी. हाल ही में बीजेपी ने राज्यसभा सांसद और सदन में पार्टी के सचेतक लक्ष्मीकान्त वाजपेयी को झारखंड का प्रभारी घोषित किया है. लक्ष्मीकान्त वाजपेयी मेरठ से ही चार बार विधायक रहे हैं.

लक्ष्मीकान्त वाजपेयी यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी में बड़ी सफलता मिली थी, उस समय लक्ष्मीकान्त वाजपेयी पार्टी के अध्यक्ष थे. पार्टी को यूपी में 73 सीटें मिली थीं. अध्यक्ष रहते हुए भी वाजपेयी अपने स्कूटर से लखनऊ में कई बार घूमते देखते जाते थे.

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