उमर खालिद को मिली जमानत, दिल्ली दंगे के आरोपी को 14 दिन की छूट

दिल्ली दंगे के आरोपी उमर खालिद को ट्रायल कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने उन्होंने बहन की शादी में शामिल होने के लिए ये राहत दी है. कोर्ट ने खालिद को जमानत देते हुए कई शर्तेंं लगाई हैं.

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उमर खालिद को मिली जमानत. (File Photo: PTI) उमर खालिद को मिली जमानत. (File Photo: PTI)

नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

दिल्ली की ट्रायल कोर्ट ने उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगे 2020 की कथित 'बड़ी साजिश' मामले में आरोपी उमर खालिद को उनकी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने खालिद को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं.  कोर्ट ने खालिद को 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दी गई है.

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जेल में बंद उमर खालिद ने इस महीने के अंत में अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत मांगने के लिए करकरटूमा कोर्ट में याचिका दायर की थी.खालिद ने अपनी याचिका में 14 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अंतरिम जमानत देने की अपील करते हुए कहा कि  उनकी बहन की शादी 27 दिसंबर को निर्धारित है और पारिवारिक समारोहों और तैयारियों के लिए उनकी उपस्थिति आवश्यक है.

29 दिसंबर को करना होगा सरेंस्ड

कोर्ट ने खालिद को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं. कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद को 29 दिसंबर 2025 की शाम को संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष सरेंडर करना होगा जो इसके बाद इस न्यायालय में एक रिपोर्ट दाखिल करें. जमानत के दौरान वह दिल्ली-एनसीआर से बाहर नहीं जा सकेंगे.

शेयर करना होगा मोबाइल नंबर

कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान खालिद को जांच अधिकारी को अपना मोबाइल नंबर और अपनी लोकेशन देनी होगी और अंतरिम जमानत की अवधि तक इसे चालू रखना होगा.

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सिर्फ इन लोगों से मिलने की इजाजत

कोर्ट ने ये भी कहा कि अंतरिम जमानत अवधि के दौरान आवेदक अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदार और दोस्तों से मुलाकात करेगा. इसके अलावा वह अपने घर पर रहेगा या उन स्थानों पर जहां विवाह समारोह आयोजित किया जाएगा.

महबूबा मुफ्ती ने दी प्रतिक्रिया

बहन की शादी में शामिल होने उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत पर प्रतिक्रिया देते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये दुखद और हैरान करने वाला है कि उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 13 दिन की पैरोल पाने के लिए पांच साल तक इंतजार करना पड़ा, जबकि गुरमीत सिंह जैसे बलात्कार और हत्या के दोषी बार-बार पैरोल पर छूटते रहते हैं.'

उन्होंने देश की न्याय प्रणाली पर सवाल करते हुए आगे कहा, 'ये विरोधाभास स्पष्ट है. ये असमानता हमारी न्याय प्रणाली में एक चिंताजनक असंगति और पक्षपात को उजागर करती है.'

गौरतलब है कि उमर खालिद फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के कथित 'लार्जर कांस्पिरेसी' केस में सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं. उन पर UAPA की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है. अभी तक उन्हें इस मामले में नियमित जमानत नहीं मिली है.

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