पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज 93 बरस के हो गए हैं. पिछले काफी समय से अटल बिहारी वाजपेयी बीमार हैं, राजनीति से संन्यास ले चुके हैं. लेकिन आज भी उनके चाहने वालों में कोई कमी नहीं आई है. वाजपेयी भारत के लोकप्रिय नेताओं में से एक रहे हैं, उनके भाषण देने की कला का हर कोई फैन था.
अटल बिहारी वाजपेयी की कहानी, तस्वीरों की जुबानी
उनके भाषण देने की कला को सिर्फ उनके चाहने वाले ही नहीं बल्कि विरोधी भी कायल थे. वाजपेयी अपने भाषणों में एक ओर जहां विरोधियों पर निशाना साधते थे तो वहीं दूसरी ओर भाषण के बीच में कविताएं सुना सभी का मन मोह लेते थे. यहां देखें अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ यादगार भाषण....
कुछ अनसुने किस्से...
पहले इन्हें पार लगाओ, फिर मुझे
पत्रकार सत्यपाल चौधरी ने एक लेख में लिखा है कि सितंबर 1992 में जब जम्मू के पास अखनूर में चिनाब नदी में बाढ़ आई थी तब वहां का नदी का पुल बह गया था. अटल तब इस क्षेत्र का दौरा करने आए. नदी पार जाने के लिए सेना मोटर बोट से लोगों को ले जाती, जब अटल यहां दौरा करने आए तो उनके साथ पार्टी नेता भी आए. जब अटल नाव में बैठे तो सेना के लोगों ने कहा नाव में कुल 4 लोग बैठ सकते है, इतना सुनते ही अटल नाव से उतर गए और कहा कि पहले इनको पार लगाओ, फिर मुझे लेकर जाना.
होली के दिवाने अटल ने नहीं मनाई होली
अटल बिहारी वाजपेयी को होली खेलने का बहुत शोक था, वह हमेशा होली के समय पार्टी दफ्तर या घर में जश्न में शरीक होते थे. वर्ष 2002 में गुजरात के भुज और कच्छ में भूकंप की घटना से आहत होकर वाजपेयी कुछ दिन रहने के लिए नैनीताल राजभवन आए थे. मार्च में होली के आसपास वहां कुछ दिनों तक रहे पर होली नहीं मनाई, बस वहां रहकर कुछ कविताएं लिखी.
मोहित ग्रोवर