असम में पास हुआ कानून- मां-बाप की नहीं की सही देखभाल, तो कटेगी सैलरी

असम कर्मचारी अभिभावक जवाबदेही एवं निगरानी विधेयक, 2017 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार या असम में किसी अन्य संगठन के कर्मचारी अपने अभिभावकों या दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल करेंगे.

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BHASHA

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  • 16 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

असम विधानसभा ने एक विधेयक पारित किया है, जिसमें प्रावधान किया गया है कि अगर राज्य सरकार के कर्मचारी अपने अभिभावकों और दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल नहीं करेंगे तो उनके मासिक वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी. साथ ही सैलरी में से काटी गई इस रकम को पेरेंट्स या भाई-बहनों को उनकी देखभाल के लिए दी जाएगी.

असम कर्मचारी अभिभावक जवाबदेही एवं निगरानी विधेयक, 2017 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार या असम में किसी अन्य संगठन के कर्मचारी अपने अभिभावकों या दिव्यांग भाई-बहनों की देखभाल करेंगे. राज्य के मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सदन में विधेयक पेश करते हुए कहा कि ऐसे उदाहरण भी सामने हैं, जिनमें अभिभावक वृद्धाश्रमों में रहते हैं और उनके बच्चे उनकी देखभाल नहीं कर रहे.

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उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद राज्य कर्मचारियों के निजी जीवन में हस्तक्षेप करने का नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि अनदेखी किए जाने की स्थिति में अभिभावक या दिव्यांग भाई बहन कर्मचारियों के विभाग में शिकायत कर सकते हैं. सदन ने चर्चा करने के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

शर्मा ने कहा कि बाद में एक विधेयक सांसदों, विधायकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और असम में संचालित निजी कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी एक ऐसा ही विधेयक पेश किया जाएगा.

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