8 साल की रावी की साइकिल यात्रा, तय करेगी कश्मीर से कन्याकुमारी तक का 5000 KM का सफर

8 साल की रावी सिंह अपने पिता के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकली है. रावी कहती है कि उसने 6 साल की उम्र में 800 का सफर 20 दिनों में पूरा किया था. उसके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. लोगों से रावी की अपील है कि सभी को साइकिलिंग करनी चाहिए. इससे स्वास्थ्य सही रहता है.

Advertisement
कश्मीर से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकली रावी सिंह. कश्मीर से कन्याकुमारी की साइकिल यात्रा पर निकली रावी सिंह.

aajtak.in

  • करनाल,
  • 20 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

महज चार साल की उम्र में पिता से साइकिल चलाना सीखा. छह साल की हुई तो बीस दिन में 800 किमी की साइकिल यात्रा पिता के साथ पूरी की. अब आठ साल की हो चुकी रावी ' बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ रहने का संदेश' देते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए पिता के साथ कश्मीर से कन्याकुमारी की 5000 किमी की साइकिल यात्रा पर निकली है.

Advertisement

श्रीनगर के लाल चौक से शुरू हुई ये यात्रा कन्याकुमारी में जाकर खत्म होगी. जोश और जज्बे से भरी रावी जहां से निकल रहती हैं, लोग उनके स्वागत में खड़े नजर आते हैं. रावी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. उनके हजारों फॉलोअर हैं.

पंजाब के पटियाला की रहने वाली आठ साल की रावी समाज को बड़ा संदेश देने के लिए कठिन सफर पर निकली हैं. इसमें उनको पिता सिमरनजीत सिंह का साथ मिला है. जो कि पंजाब पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं.

रावी अपने पिता सिमरनजीत सिंह के साथ.

 

 

 

चार साल की उम्र में सीखा साइकिल चलाना

सिमरनजीत सिंह बताते हैं कि रावी को साइकिल चलाने का शौक है. चार  साल की उम्र में उसने साइकिल चलाना सीखा. मैं भी खुद को फिट रखने के लिए रेगुलर साइकिलिंग करता हूं. इसलिए रावी को अपने साथ ले जाता हूं. वो साइकिल यात्रा के जरिए बढ़े उद्देश्य के साथ निकली है.

Advertisement

देखें वीडियो...

 

तय करेंगे 5000 किमी का सफर

रावी के पिता बताते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी ( 5000 किमी ) तक के सफर को पूरा करने के लिए बेटी के साथ 10 नवंबर को चले थे. हमारी कोशिश है कि 20 जनवरी तक इस यात्रा को पूरा करें. हर रोज करीब 100 किमी का सफर साइकिल से तय कर रहे हैं. भूख लगने पर रास्ते में ही रुक कर कुछ खा लेते हैं. रात होने पर सड़क किनारे टेंट लगाते हैं या फिर किसी धर्मशाला में रुकते हैं. 

खुद ही उठा रहे हैं खर्च

बातचीत में पता चला है कि साइकिल यात्रा का खर्च सिमरनजीत सिंह खुद ही उठा रहे हैं. उन्हें किसी से फंडिंग नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि रावी को जम्मू के रहने वाले आशीष कोहली प्रमोट करते हैं.

 

देखें वीडियो...

 

सेकेंड क्लास में पढ़ती है रावी

रावी पानीपत के निजी स्कूल में दूसरी कक्षा की छात्रा है. इस सफर को पूरा करने के लिए उसे स्कूल की तरफ से काफी सपोर्ट में मिला है. रावी ने फिलहाल स्कूल से दो महीने की छुट्टी ली है.

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ और स्वच्छता का संदेश.

छह साल की उम्र में बनाया रिकॉर्ड

रावी जब छह साल की थी तो उस समय पिता के साथ 800 किमी का सफर साइकिल के जरिए पूरा किया था. पिता के साथ रावी ने रिकॉर्ड बनाते हुए शिमला से लेकर स्पीति तक सफर तय किया. यह दूरी तय करने में उसे 20 दिन का समय लगा था. कम समय में इतनी दूरी तय करने पर 12 जून 2022 को सफर को इंडिया वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज किया गया है.

Advertisement

(रिपोर्ट - कमल दीप)

मनाकर दर्ज किया गया था.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement