पंजाब की AAP सरकार ने वापस ली लैंड पूलिंग पॉलिसी

आवास एवं शहरी विकास विभाग के मुख्य सचिव की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि इस पॉलिसी के तहत किए गए सभी फैसले तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाते हैं. इसमें जारी किए गए ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ (LOIs), पूरी हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, और पॉलिसी के तहत उठाए गए अन्य सभी कदम शामिल हैं.

Advertisement
पंजाब की मान सरकार ने सोमवार को विवादित लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस ले लिया. (File Photo: ITG) पंजाब की मान सरकार ने सोमवार को विवादित लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस ले लिया. (File Photo: ITG)

अमन भारद्वाज

  • चंडीगढ़,
  • 11 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:12 PM IST

बढ़ते राजनीतिक और कानूनी दबाव के बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने सोमवार को 14 मई 2025 को जारी विवादित लैंड पूलिंग पॉलिसी और इसके बाद किए गए सभी संशोधन वापस ले लिए. आवास एवं शहरी विकास विभाग के मुख्य सचिव की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि इस पॉलिसी के तहत किए गए सभी फैसले तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाते हैं. 

Advertisement

इसमें जारी किए गए ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ (LOIs), पूरी हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, और पॉलिसी के तहत उठाए गए अन्य सभी कदम शामिल हैं. प्रेस नोट में कहा गया, 'सरकार 14.05.2025 को जारी लैंड पूलिंग पॉलिसी और उसके बाद हुए सभी संशोधन वापस लेती है. इसके तहत अब तक उठाए गए सभी कदम भी रद्द किए जाते हैं.'

SAD ने बताया 'जनता की जीत'

जैसे ही इस विवादित पॉलिसी को वापस लेने का ऐलान हुआ, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे जनता की जीत बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मैं बहादुर अकाली कार्यकर्ताओं, किसानों, मजदूरों और दुकानदारों को सलाम करता हूं, जिन्होंने एकजुट होकर अरविंद केजरीवाल को लैंड पूलिंग स्कीम वापस लेने पर मजबूर कर दिया. यह असल में जमीन हड़पने की योजना थी, जिसके जरिए आम आदमी पार्टी दिल्ली के बिल्डरों से 30,000 करोड़ रुपये जुटाकर देशभर में पार्टी का विस्तार करना चाहती थी.'

Advertisement

कोर्ट ने लगा दी थी रोक

यह फैसला उस समय आया है जब कुछ दिन पहले ही पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने अधिवक्ता गुरदीप सिंह गिल की याचिका पर सुनवाई करते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगा दी थी.

7 अगस्त को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच- जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस दीपक मांचंदा- ने कहा, 'जिस जमीन को अधिग्रहित करने की योजना है, वह पंजाब की सबसे उपजाऊ जमीन में से है और इसका असर सामाजिक ढांचे पर पड़ सकता है.'

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement