2014 के चुनाव में भाजपा को 34 प्रतिशत ओबीसी वोट मिले थे. वहीं तुलना की जाए तो कांग्रेस को 15 प्रतिशत, वहीं 2019 में भाजपा को ओबीसी वर्ग का और साथ मिला और ये आंकड़ा 44 प्रतिशत तक जा पहुंचा. भाजपा की इस पकड़ को ढीला करने के लिए बिहार में जातीय राजनीति गरमाई. और अब तो नीतीश कुमार ने ही भाजपा का हाथ थाम लिया है. तो क्या 2024 का खेल साफ है? क्या ओबीसी वोट बैंक दिलाएगा भाजपा को जीत या विपक्ष का अब भी कोई दांव है बाकी. देखें ये रिपोर्ट.