राज्यसभा में शुक्रवार को जया बच्चन काफी गुस्से में नजर आई. सदन में पर्यटन मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा चल रही थी कि तभी एक बात पर वह भड़क उठीं. आखिर क्यों आया उन्हें गुस्सा जानें यहां...
‘पूरी फीचर फिल्म नहीं, ट्रेलर कर रही पेश’
जया बच्चन ने जब बोलना शुरू किया तो उन्होंने बोलने के लिए कम समय मिलने की शिकायत की. फिर भी हल्के अंदाज में बोली हमारी पार्टी को वक्त बहुत कम मिलता है. इसलिए ‘पूरी फीचर फिल्म नहीं एक ट्रेलर पेश कर रही हूं.’
‘एक्टिंग इज रिएक्टिंग’
पर्यटन को लेकर जया बच्चन ने कहा कि यहां सदन में अधिकतर बात धार्मिक पर्यटन या पुराने विरासत स्थल को लेकर हुई है, लेकिन ये सब तो हमारे पूर्वज बनाकर गए हैं, वह सरकार से जानना चाहती हैं कि पर्यटन के लिए नया क्या काम हुआ.
‘नए काम’ को लेकर सदन में किसी ने टिप्पणी की और उसके बाद जया ने प्रतिक्रिया दी. जिस पर पीठ की ओर से टोका गया. इस पर जया बोलीं कि ‘रिएक्शन बहुत जरूरी होता है. मैं जिस क्षेत्र से मूलत: आती वहां तो यह बहुत जरूरी होता है. एक्टर कभी एक्टिंग नहीं करता बल्कि रिएक्ट करता है. एक्टिंग इज रिएक्टिंग’
‘कश्मीर की इमेज सुधारने की जरूरत’
जया ने सदन में कहा कि एक समय था जब विदेशों से पर्यटक कश्मीर को देखने आते थे. लेकिन उसकी इमेज ऐसी बन चुकी है कि लोगों को लगता है किअब वहां हमारी जान को खतरा है हमें इस इमेज को एग्रेसिव तरीके से बदलने की जरूरत है.
‘अब मैं नहीं बोलूंगी’
उनके बोलने के दौरान पीठासीन अधिकारी ने समय पूरा होने की सूचना दी तो जया बच्चन भड़क गईं. उन्हें 4 मिनट का समय दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है, ‘मैं अपनी बात को अपने तरीके से रखना चाहती हूं जो इतने कम वक्त में नहीं कही जा सकती. इतने कम वक्त का तो ट्रेलर भी नहीं होता. यही कारण है कि वह पिछले सत्र में कुछ नहीं बोली थीं और आज भी वो अपनी बात कहने से मना करती हैं और कम समय को लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराती हैं.’उन्होंने कहा कि ‘अब मैं बोलूंगी ही नहीं’
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