अभिनेता से नेता बने विजय थलपति ने गुरुवार को इरोड में हुई जनसभा से सत्तारूढ़ डीएमके सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सरकार पर खराब शासन, अधूरे वादों और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले विजय ने डीएमके को 'बुरी ताकत' बताया और अपनी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) को 'साफ और शुद्ध ताकत' करार दिया. करूर में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद यह तमिलनाडु में विजय की पहली सार्वजनिक सभा थी.
‘मंजल’ से शुरुआत, इरोड को बताया शुभ भूमि
संस्कृति और परंपरा का जिक्र करते हुए विजय ने कहा कि किसी भी अच्छे काम की शुरुआत हल्दी से की जाती है. उन्होंने कहा कि ‘मंजल’ की एक अलग ही ऊर्जा होती है, जो तमिल झंडे में भी दिखाई देती है.
विजय ने इरोड को शुभ भूमि बताते हुए कहा कि यह इलाका हल्दी की खेती के लिए जाना जाता है और इसकी पहचान खेती से जुड़ी हुई है.
कालींगरायन नहर का जिक्र, मां के संघर्ष से जोड़ी कहानी
सिंचाई का मुद्दा उठाते हुए विजय ने कालींगरायन नहर का जिक्र किया और कहा कि इस नहर ने इलाके की खेती को संजीवनी दी. एक लोककथा का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि कालींगरायन की मां ने दूध और दही बेचकर जो पैसे कमाए, उन्हीं से नहर को पूरा किया गया. विजय ने कहा, 'मां के सहारे से कुछ भी हासिल किया जा सकता है.' उन्होंने जोड़ा कि इरोड के लोगों का भरोसा भी उन्हें वही ताकत देता है.
‘34 साल पुराना रिश्ता, साजिशें काम नहीं आएंगी’
विजय ने आरोप लगाया कि कई लोग साजिशों के जरिए उनके आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन लोगों से उनका रिश्ता नया नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं 34 साल से सिनेमा में हूं. ये रिश्ता उतना ही पुराना है. मैंने सब कुछ छोड़ दिया है, लेकिन लोग मुझे कभी गिरने नहीं देंगे.'
पेरियार, अन्ना और एमजीआर का नाम, डीएमके पर सीधा वार
विजय ने सामाजिक सुधारक पेरियार को 'इरोड का आयरन मैन' बताया और कहा कि उन्होंने तमिलनाडु की सोच बदली. उन्होंने कहा कि पेरियार ने विचारधारा दी, अन्ना और एमजीआर ने चुनावी रास्ता दिखाया. विजय ने साफ कहा, 'अन्ना और एमजीआर का नाम लेने पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन पेरियार के नाम पर लूट मत करो.' उन्होंने ऐसा करने वालों को TVK का राजनीतिक और वैचारिक दुश्मन बताया.
‘नीट बैन, एजुकेशन लोन… कितने फर्जी वादे?’
डीएमके पर निशाना साधते हुए विजय ने पूछा, 'नीट बैन करने और एजुकेशन लोन माफ करने जैसे कितने फर्जी वादे किए गए?'
उन्होंने कहा कि डीएमके और उसकी समस्याएं 'फेविकोल की तरह चिपकी हुई हैं.'
हल्दी से लेकर बुनकरों तक, किसानों और मजदूरों का मुद्दा
विजय ने आरोप लगाया कि रिसर्च संस्थानों के लिए करोड़ों के टेंडर निकाले गए, लेकिन हल्दी की कीमत बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार गन्ना और धान की कीमत तय करती है, लेकिन हल्दी की खरीद में भ्रष्टाचार है. विजय ने कहा कि बुनकरों का 30 फीसदी भुगतान अब भी बकाया है और एमएसएमई सेक्टर को महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
महिलाओं की सुरक्षा और खाली पदों पर सवाल
विजय ने सरकार से पूछा कि खाली पद अब तक क्यों नहीं भरे गए, जब शिक्षा सब तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है तो बच्चे स्कूल क्यों छोड़ रहे हैं, और क्या तमिलनाडु में महिलाएं वाकई सुरक्षित हैं? उन्होंने कहा, 'आप ही बताइए, क्या ये सच है? यही हकीकत है.'
‘अब समझ आया, डीएमके क्यों बुरी ताकत है’
विजय ने कहा, 'पहले मुझे समझ नहीं आता था कि एमजीआर और जयललिता डीएमके पर इतने सख्त क्यों थे.' फिर उन्होंने दोहराया, 'अब मैं भी कहता हूं कि डीएमके एक बुरी ताकत है.' इसके उलट उन्होंने TVK को 'साफ और शुद्ध ताकत' बताया.
प्रमोद माधव