बिहार के औरंगाबाद से आरजेडी सांसद अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में केवल कागजों में सरकार का बखान है. धरातल पर असलियत कुछ और ही है. अभिभाषण में भारत को विश्व के समाधान का देश बताया गया है जबकि यहां युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, गरीब-मजदूर परेशा हैं, किसान आत्मदाह कर रहे हैं. किसानों की आय दोगुनी करने की बात जुमला रही.
नीट का नाम लिए बिना आरजेडी सांसद ने कहा कि हर पेपर लीक हो रहा है. छोटे-छोटे व्यापारी परेशान है. पहले अपने देश की समस्याओं का समाधान हो जाएगा तो अच्छा रहेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में बिहार राज्य का कोई जिक्र तक नहीं है. जबकि बिहार की बैसाखी के सहारे ये सरकार चल रही है. आरजेडी सांसद ने कहा कि बिहार में रोजगार का अभाव है.
उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे संसाधन हैं जो रोजगार का सृजन कर सकती है लेकिन केंद्र और राज्य ध्यान नहीं दे रहे. आरजेडी सांसद अभय सिन्हा ने कहा कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार 17 महीने चली, तब तेजस्वी यादव के प्रयास से साढ़े पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का काम किया गया था. उन्होंने कहा कि एक दिन में दो लाख 23 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटने का काम हुआ था.
अभय सिन्हा ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि बिहार के हालात को देखते हुए विशेष राज्य का दर्जा देकर आर्थिक पैकेज दिया जाए. हमारे मुख्यमंत्रीजी की ये बहुत पुरानी मांग है. उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने बहुतों अभियान चलाए, हस्ताक्षर अभियान चलाए, दिल्ली तक मार्च किए. आरजेडी सांसद ने कहा कि अब तो आप सरकार में हैं, आपकी सरकार है, आपकी बदौलत सरकार है. फिर विशेष राज्य का दर्जा मिलने में तनिक भी देर नहीं लगनी चाहिए.
उन्होंने पेयजल और सिंचाई के लिए नीति की मांग करते हुए कहा कि औरंगाबाद समेत कुछ जिलों में पानी का लेवल दो सौ से तीन सौ फीट नीचे चला गया है. एक नीति बनाकर राज्य सरकार को भेजा जाना चाहिए. बिहार एक तरफ बाढ़ का प्रकोप झेलता है तो दूसरी तरफ सूखा का प्रकोप झेलता है. उत्तरी बिहार में बाढ़ तबाही मचाती है तो दूसरी तरफ दक्षिणी बिहार में सूखा रहता है.
आरजेडी सांसद ने कहा कि एक नीति बनाकर इसका समाधान निकालना चाहिए. बिहार में जातीय गणना कराकर लोगों को आरक्षण देने का काम महागठबंधन की सरकार ने किया था. वहां पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कर के आरक्षण को समाप्त करा दिया गया है. सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है फिर से. हम जातिगत जनगणना कराकर एक राष्ट्रीय नीति लाने की मांग करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि आपने 10 साल में जो वादे किए और जो काम किया है, उस पर बात करने की जरूरत है.
शांभवी चौधरी ने भी उठाया विशेष राज्य का मुद्दा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने भी विशेष राज्य का मुद्दा उठाया. शांभवी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्रीजी से अपील करना चाहेंगे कि इसके लिए नीति आयोग में कुछ बदलाव करने हों तो वो भी करें जिससे बिहार को आगे आने का मौका मिले.
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