कश्मीर फाइल्स फिल्म पर बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रदेश की मौजूदा स्थिति पर बात की है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को दिल जोड़ने की कोशिश करनी होगी, यह फौज से नहीं किया जा सकता. खास बातचीत में फारूक से यह भी पूछा गया कि अगर राज्य में आने वाले वक्त में कोई हिंदू मुख्यमंत्री बनता है तो क्या उनको यह मान्य होगा?
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा के इस सवाल के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में हिंदू मुख्यमंत्री ईमानदारी से आता है, चाहे वह कश्मीरी हो या ना हो उसे माना जाएगा. लेकिन अगर बेइमानी से आएगा तो उसे कभी कबूल नहीं किया जाएगा.
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फारूक अब्दुल्ला ने उठाई परिसीमन की मांग
अब्दुल्ला से आखिर में पूछा गया कि कश्मीरी लोगों का दिल जीतने के लिए सरकार को क्या करना होगा? इसपर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में परिसीमन हो, राज्य का दर्जा वापस दिया जाए. वह बोले कि यह देश का ताज है इसको फिर से चमकाया जाए. फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हिंदू मुसलमान का रिश्ता ठीक करने की कोशिश करनी होगी. इसके बाद ठीक से, ईमानदारी से चुनाव कराना होंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनों से छेड़छाड़ होती है, फौज से वोट डलवाए जाते हैं जो बंद करने होंगे.
फिल्म kashmir files पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला
कश्मीर फाइल्स फिल्म पर बोलते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मसलों को सुलझाना है तो दिल जोड़ने वाली बात करनी होगी, यह फिल्म दिल जोड़ नहीं रही है, तोड़ रही है. सारे मुल्क में आग लगा रही है. अगर यह आग नहीं बुझाई गई तो यह सारे देश को एकदम शोले की तरह उड़ा देगी.
आगे फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पीएम मोदी से गुजारिश करूंगा कि ऐसी चीजें ना करें जिससे मुसलमान-हिंदुओं के रिश्ते और खराब हों. ऐसा हुआ तो मुल्क की सूरत ऐसी बन जाएगी जैसी हिटलर के जमाने में जर्मनी में हुई थी.
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