जब कांग्रेस विधायक ने जनसभा में छू लिए वसुंधरा राजे के पैर, देखें Video

बाड़मेर में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस विधायक ने बीजेपी की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे सिंधिया के पैर छू लिए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. पैरे छूने वाले विधायक का नाम मेवाराम जैन बताया जा रहा है. वह 3 बार से बाड़मेर के कांग्रेस के विधायक हैं.

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वसुंधरा राजे सिंधिया के पैर छूते राजस्थान के कांग्रेस विधायक. वसुंधरा राजे सिंधिया के पैर छूते राजस्थान के कांग्रेस विधायक.

aajtak.in

  • बाड़मेर,
  • 03 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

राजस्थान में मंगलवार को एक अलग ही दृश्य देखने को मिला, जब एक कांग्रेस विधायक ने भीड़ के बीच आगे बढ़कर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पैर छू लिए. इस दौरान वसुंधरा राजे ने विधायक से कहा कि आपको यहां देखकर अच्छा लगा. यह घटनाक्रम बाड़मेर में आयोजित एक कार्यक्रम में देखने को मिला. इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

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वीडियो में नजर आ रहा है कि दिवंगत तन सिंह चौहान स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में बाड़मेर से 3 बार के कांग्रेस विधायक मेवाराम जैन भी पहुंचे. यहां वसुंधरा राजे सिंधिया पहले से ही मौजूद थीं. इस दौरान मेवाराम ने भीड़ के बीच वसुंधरा के पैर छू लिए. कांग्रेस विधायक ने जैसे ही वसुंधरा के पैर छुए उन्होंने कहा,'आपको यहां देखकर अच्छा लगा. यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसने हम सभी को जोड़ने का काम किया है. इस कार्यक्रम में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के विधायक और नेता मौजूद थे.

36 समुदायों के लोग रहे मौजूद

विधायक ने जब वसुंधरा के पैर छुए तो उन्होंने माइक अपने हाथ में ले लिया और कहा,'मीडिया वालों को मेरी आवाज सुननी चाहिए. यह एक सामाजिक कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम ने 36 समुदायों को जोड़ने का काम किया है.' इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए राजे ने कहा कि तन सिंह चौहान एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जो सभी को साथ लेकर चलते थे. हमें उनके जीवन से कुछ सीखना चाहिए. कैसे उन्होंने छोटी-मोटी नौकरियां कीं और ड्राइवर और फिर जननेता बने. बता दें कि राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है.

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रिस्क नहीं लेना चाहेगी बीजेपी

बता दें कि 70 साल की वसुंधरा राजे के पास सियासत का लंबा अनुभव है. साल 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीतिक करियर का आगाज करने वाली वसुंधरा 1985 में पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुईं और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. वसुंधरा 1989 में पहली बार लोकसभा पहुंचीं और 2003 तक बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों में अलग-अलग मंत्रालयों के कार्यभार भी संभाले.साल 2003 के विधानसभा चुनाव से वसुंधरा राजस्थान की राजनीति में लौट आईं और पिछले 20 साल से सूबे की सियासत में ही सक्रिय हैं. कर्नाटक चुनाव में बीएस येदियुरप्पा जैसे वरिष्ठ नेता की अनदेखी का खामियाजा पार्टी बड़ी हार के रूप में भुगत चुकी है. ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले होने जा रहे विधानसभा चुनाव में वसुंधरा की नाराजगी का रिस्क नहीं लेना चाहेगी.

(इनपुट: दिनेश बोहरा)

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