पीएम मोदी ने कहा कि “कर्तव्य भवन” का नामकरण “कर्तव्य पथ” की मूल भावना के अनुरूप किया गया है. यह इमारत देश के कर्म प्रधान दर्शन की मूल भावना का उदघोष करती है. आजादी के बाद दशकों तक देश की प्रशासनिक मशीनरी ब्रिटिश शासनकाल में बनी इमारतों से चलाई जाती रही थी. इन भवनों में काम करने वालों के लिए पर्याप्त जगह, रोशनी और वेंटिलेशन नहीं था. भारत सरकार के मंत्रालय दिल्ली में 50 अलग-अलग जगहों से चल रहे थे, जिनमें से कई किराये की बिल्डिंग में थे.