मुरादनगर हादसा. आप इसे हादसा कहें, बदकिस्मती कहें, लालच कहें, सिस्टम की नाकामी कहें या फिर भ्रष्टाचार की गहराती जड़ों का नतीजा. 25 लोगों की जान इनकी वजह से चली गई. चला गया किसी परिवार को पालने वाला. चला गया किसी के भविष्य का ताना बाना बुनने वाला. किसी की मांग उजड़ गई, किसी की गोद सूनी हो गई. जो परिवार गम के सैलाब में डूबे हुए हैं, आज सुबह उनका आक्रोश उबल कर बाहर आ गया. मृतकों के शव गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया गया. उन्हें सहानुभूति नहीं, इंसाफ चाहिए था. देखें खास कार्यक्रम, चित्रा त्रिपाठी के साथ.