भारत और चीन ने यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित कार्बन बॉर्डर टैक्स का विरोध किया है. यह टैक्स स्टील, सीमेंट और एल्युमिनियम जैसे आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने के लिए है, ताकि यूरोपीय संघ में निर्मित वस्तुओं का उचित प्रतिस्पर्धा बनाए रखी जा सके. भारत और चीन जैसे विकासशील देशों का मानना है कि यह टैक्स संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.