जीएसटी परिषद के फैसलों से खाने-पीने की चीजों पर लगने वाले टैक्स को लेकर लंबे समय से चले आ रहे वर्गीकरण विवाद का समाधान हो गया है. वित्त मंत्री ने आजतक से बातचीत में कहा कि पहले पॉपकॉर्न जैसे उत्पादों को लेकर नमकीन और मीठे के आधार पर अलग-अलग टैक्स दरें थीं, जिससे उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में व्यापारियों को संकट का सामना करना पड़ा और कई मामले अदालतों में अटके रहे. अब इस समस्या को दूर कर दिया गया है. सुनिए.