लगातार चुनाव देश की प्रगति और विकास में बाधक बताए गए हैं. संविधान में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव हर 5 साल में एक साथ कराने की मांग की गई, 'ताकि साढ़े 4 साल चुनी हुई पार्टियां चुनी हुई सरकारों, केंद्र और राज्यों में बेहतर जनता की सेवा करें.' साथ ही, आतंकवाद के नाश और पाकिस्तान से केवल पाक अधिकृत कश्मीर पर बात करने का संकल्प भी व्यक्त किया गया.