राज्यसभा में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती को लेकर विपक्ष के नेता ने उप सभापति को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को संसद में विरोध करने का लोकतांत्रिक हक हासिल है, जिसे दबाया नहीं जा सकता। इस तैनाती की निंदा करते हुए, उन्होंने इसे भारत के संसदीय इतिहास का एक काला दिन बताया। सदन के अंदर कमांडो के कपड़े पहने अर्धसैनिक बल के लोगों द्वारा सदस्यों को रोके जाने की घटना सामने आई। महिला सदस्यों को भी रोका गया। विपक्ष का कहना है कि उन्हें धमकाया जा रहा है और बलपूर्वक रोका जा रहा है, जबकि बेल में जाना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। यह घटना संसदीय मर्यादाओं के उल्लंघन के रूप में देखी जा रही है।