संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहा. सत्र की शुरुआत में देश के विभिन्न हिस्सों में अतिवृष्टि, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई जानमाल की हानि पर संवेदना व्यक्त की गई. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि नक्सलवाद को जल्द ही जड़ से खत्म किया जाएगा और बताया कि माओवाद का दायरा तेजी से सिकुड़ रहा है.