Sandeshkhali Timeline: पहले इनकार, फिर पुलिस का एक्शन, जानें कब-क्या हुआ

पुलिस ने शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया है. स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और दावा किया है कि रेप की कोई शिकायत नहीं मिली है. देखें संदेशखाली मामले का पूरा टाइमलाइन.

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संदेशखाली प्रदर्शन की तस्वारी संदेशखाली प्रदर्शन की तस्वारी

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 19 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के कथित रेप और उत्पीड़न के मामले पर हंगामा बरपा है. अब कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने 7 मार्च को राज्य की अपनी यात्रा के दौरान संदेशखाली भी जा सकते हैं, जहां वह महिलाओं से मुलाकात करेंगे. बीजेपी लगातार तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर लिए हुई है. महिलाओं समेत मानवाधिकार आयोग ने भी राष्ट्रपति शासन की मांग की है. जानें, संदेशखाली में कब-क्या हुआ?

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5 जनवरी- राशन वितरण में भ्रष्टाचार के आरोप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शाहजहां के घर तलाशी अभियान चलाई. शाहजहां के गिरोह ने उस दिन ईडी अधिकारियों पर हमले किए. इस मामले में टीएमसी के ब्लॉक प्रमुख शिबू हाजरा और जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के क्षेत्रीय अध्यक्ष (अब निष्कासित) उत्तम सरदार का नाम सामने आया था.

7 फरवरी- शाहजहां की सेना पर अत्याचार और भूमि कब्जा करने के आरोपों के कारण संदेशखाली में दंगे भी हुए. महिलाओं ने बांस, कतरी, खूंटी, लाठी लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अगले दिन शिबू के बगीचे और पोल्ट्री फार्म में तोड़फोड़ की गई. संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत थी कि शिबू हाजरा उन्हें रात में मीटिंग के नाम पर बुलाते थे. उन पर अत्याचार करते थे.

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10 फरवरी- तृणमूल नेता पार्थ भौमिक ने रेड रोड रैली से उत्तम सरदार को 6 साल के लिए निलंबित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर लिया गया है. कुछ ही घंटों बाद उत्तम सरदार को छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. 

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12 फरवरी- संध्या उत्तम को बशीरहाट डिविजनल कोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और बशीरहाट पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इस बीच, पुलिस ने महिलाओं की शिकायतों की जांच के लिए 10 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. दूसरी ओर, शिबू हाजरा का कोई पता नहीं चला है. 

15 फरवरी- संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत को तृणमूल शुरू से ही खारिज करती रही है. इस दिन विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं चेहरे पर मास्क पहनकर तस्वीरें ले रही थी. बाहर से लोगों को लाकर इलाके को अशांत करने की कोशिश की गई. 

ईडी ने शाहजहां को निशाना बनाते हुए संदेशखाली में प्रवेश किया. तभी मूलनिवासी मां-बहन में झगड़ा हो गया. सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि मामला क्या है? वहां आरएसएस का घर है. 7-8 साल पहले वहां दंगा हुआ था. कई दंगा स्थलों में से यह भी एक स्थान है.'' 

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17 फरवरी- पुलिस ने उत्तम और शिबू के खिलाफ दर्ज मामले में सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास को जोड़ा. इसके बाद तृणमूल नेता शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) और बारासात के डीआइजी का तबादला कर दिया गया. DIG सुमित कुमार ने भास्कर मुखोपाध्याय को हटाया.

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एक हफ्ते बाद अचानक क्यों सामने आया गैंग रेप का मामला? 

राज्य पुलिस के डीजी राजीव कुमार ने बताया, एक महिला के गुप्त बयान के आधार पर पुलिस ने उत्तम और शिबू के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया है. 

पूरी घटना में तृणमूल का क्या नुकसान

संदेशखाली की घटना को लेकर स्थानीय स्तर पर यह भी चर्चा है कि शाहजहां पर उनके अल्पसंख्यक होने की वजह से कार्रवाई की जा रही है. इसपर राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने आजतक बांगला से कहा, ''महिलाएं पहले पुलिस में शिकायत नहीं करती थीं. ऐसी शिकायतों के आधार पर मामले दर्ज किये जा रहे हैं और अपराध, अपराध है! इसमें हिंदू और मुसलमानों को मत लाइए. बीजेपी सांप्रदायिक राजनीति करती है. अपराध में हिंदू-मुस्लिम मुद्दे शामिल नहीं हो सकते.''

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