सोशल मीडिया पर गुरुवार को वंदे भारत ट्रेन का एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें नजर आ रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को एक पुराना इलेक्ट्रिक इंजन खींच रहा है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो एक सनसनी की तरह सामने आया, जिसे लेकर लोग तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं. वहीं विपक्ष ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. इस सबके बीच इस वायरल वीडियो पर रेलवे की तरफ से भी बयान आया है. इसमें रेलवे ने इसे एक 'सामान्य प्रक्रिया' बताया है.
कांग्रेस ने भी ट्वीट किया था वीडियो
बता दें कि कांग्रेस ने वंदे भारत ट्रेन के इस वीडियो के जरिए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावारू ने शुक्रवार (29 जून) को ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया था कि वंदे भारत ट्रेन को रेलवे का इलेक्ट्रिक इंजन खींच कर ले जा रहा है. कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावारू ने ट्वीट में लिखा है कि पिछले 9 सालों के झूठ को खींच कर ले जाता 70 सालों का इतिहास.
इस शख्स ने बनाई थी वीडियो
इस मामले की पड़ताल करते हुए आज तक की टीम उस शख्स तक पहुंची, जिन्होंने असल में ये वीडियो बनाया था और सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इस शख्स का नाम शशांक जायसवाल है और ये वीडियो उत्तर प्रदेश के पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर के समीप सकलडीहा स्टेशन के पास से उन्होंने 22 जून को बनाया था. शशांक के मुताबिक, इस दौरान वह वहीं, पास के खेत में खड़े थे, जब इलेक्ट्रिक इंजन वंदे भारत रैक को खींचता हुआ ले जाता दिखाई दिया. शशांक ने इस पूरे वाकये की वीडियो बनाकर अपनी इंस्टा स्टोरी भी शेयर की है, जिसमें वह यह भी बता रहे हैं कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई से वंदे भारत रैक को पटना जंक्शन के लिए भेजा गया था. रैक में क्रू मेंबर नहीं थे, इसलिए इलेक्ट्रिक इंजन WAG9 इसे खींच रहा था.
वीडियो बनाने वाले ने कही ये बात
बकौल शशांक, 'वंदे भारत के लोको पायलट स्पेशल होते हैं, लेकिन अभी ये ट्रेन अनाउंस नहीं हुई थी, इसे चेन्नई के लोकोमोटिव फैक्ट्री से पटना के लिए जा रही थी, तब पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के पास एक खेत से उन्होंने वीडियो बनाई थी. शशांक के मुताबिक उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया था और वहीं, से इसे हर जगह शेयर किया गया है. शशांक अपना वीडियो वायरल होने के बाद एक और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर इसके पीछे की असली कहानी बताई है.
रेलवे ने कहा, 'ट्रेन में यात्री नहीं थे, ये नॉर्मल है'
इस पूरे प्रकरण पर, पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने बताया, 'वंदे भारत कोच को जब पटना स्टेशन के लिए ले जाया जा रहा था, तब उसकी बिजली चालू नहीं थी. खाली डिब्बों के साथ ऐसा होना कोई अस्वाभाविक बात नहीं है, बस किसी ने इसे रिकॉर्ड कर लिया और अब सनसनी मची हुई है. उन्होंने कहा, यह कई ट्रेनों के लिए एक रेग्यूलर होने वाली प्रक्रिया है, जिसे ट्रांजिट प्रोसेस कहते हैं. हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उस समय रैक में कोई यात्री नहीं था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक कोई ट्रेन कमीशंड नहीं होती, यानी पर्टिकुलर एक रूट के लिए अनाउंस नहीं होती है, तब तक वो ट्रेन खुद से किसी ट्रैक पर नहीं चलती है, इसे ऐसे ही ले जाया जाता है. अनाउंस होने के बाद ही इसे किसी ट्रैक पर खुद के क्रू मेंबर और लोको पायलट के जरिए चलाया जाएगा.
(इनपुट- पश्चिम बंगाल से ऋद्धिश दत्ता)
ज्योति द्विवेदी