'तो आदिवासियों को सरकारी लाभ नहीं मिलेंगे...' गुजरात में केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु की चेतावनी

गुजरात में आदिवासी मिशनरी के साथ जुड़े हुए हैं और क्रिश्चियन धर्म मानते हैं. ऐसे में गुजरात में जन जाति कल्याण आश्रम इस समय राज्य के कई हिस्सों में अभियान चला रहा है और कहा जा रहा है कि जो आदिवासी धर्मांतरण करते हैं, उनको जनजाति वर्ग के नाम पर मिलने वाले लाभ बंद होने चाहिए.

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केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडु गुजरात के नर्मदा में आए थे. केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडु गुजरात के नर्मदा में आए थे.

aajtak.in

  • नर्मदा,
  • 14 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
  • गुजरात में आदिवासी धर्मांतरण का मुद्दा उठा रही बीजेपी
  • मंत्री ने कहा- LIC एजेंट की तरह कराया जा रहा धर्मांतरण

गुजरात में इसी साल विधानसभा होने जा रहे हैं. ऐसे में राज्य का राजनीतिक माहौल अभी से गरम देखा जा रहा है. केंद्रीय जनजाति विकास राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडु ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देश में कुछ लोग आदिवासियों के धर्मांतरण के लिए LIC एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर आदिवासी धर्म बदलते हैं तो उनको मिलने वाले सरकार लाभ भी बंद होने चाहिए.

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केंद्रीय राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडु गुजरात के नर्मदा में आए थे. उन्होंने कहा कि जो आदिवासी धर्मांतरण करेंगे, उसको आदिवासियों के मिलने वाले लाभों से वंचित किया जाएगा. कुछ लोग LIC एजेंट की तरह आदिवासी को धर्मांतरण कराने काम कर रहे हैं. ऐसे लोग भोले भाले आदिवासी का छोटे-मोटे लालच देकर धर्मांतरण करा देते हैं. उन्होंने कहा कि अब धर्मांतरण को लेकर सरकार ऐसा कानून लाएगी, जिससे सरकारी लाभ मिलना बंद हो जाएंगे. इस संबंध में बहुत सारे लोगों ने ज्ञापन भी दिया है. 

उन्होंने यह भी कहा कि जनजाति विकास मंच एक अभियान भी चला रहा है कि जो आदिवासी धर्मांतरण करते हैं उनको आदिवासी के लाभ नहीं मिलने चाहिए. मंत्री ने आगे कहा कि आदिवासियों को अब अपनी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी सीखनी चाहिए. बताते चलें कि आरएसएस का फ्रंटल संगठन जन जाति कल्याण आश्रम इस समय गुजरात के कई हिस्सों में एक अभियान चला रहा है. 

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इसमें कहा जा रहा है कि जो आदिवासी समाज धर्मांतरण करते हैं, उनको जनजाति वर्ग के नाम पर मिलने वाले लाभ बंद होने चाहिए. इतना ही नहीं, इस मुद्दे को लेकर जन जाति समाज का समर्थन भी लिया जा रहा है. जन जाति कल्याण आश्रम के अध्यक्ष ने एक कार्यक्रम में कहा था कि आदिवासी अगर अन्य धर्म में जाता हो तो उसे आदिवासी अनामत के लाभ नहीं मिलने चाहिए. हम सरकार से कहते हैं कि इस पर जल्द से जल्द कानून लाना चाहिए.

आदिवासी समाज का क्रिश्चियन की तरफ झुकाव

गौरतलब है कि गुजरात में आदिवासी मिशनरी के साथ जुड़े हुए हैं और क्रिश्चियन धर्म मानते हैं. उनका झुकाव कांग्रेस की और ज्यादा होता है. ऐसे में यहां आदिवासी समाज को अन्य धर्म में खासकर क्रिश्चियन धर्म में जाने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. गुजरात के अंदर ये मामला फिलहाल काफी गरमाया हुआ है. (इनपुट- नरेंद्र पेपरवाला)

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