समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर रिपोर्ट बना रहे 22वें विधि आयोग (Law Commission) का कार्यकाल 31 अगस्त को पूरा हो जाएगा. आयोग पिछले पांच महीने से अध्यक्षविहीन है. बता दें कि 21वें विधि आयोग आयोग का कार्यकाल पूरा होने के करीब दो साल बाद 22वां विधि आयोग बनाया गया था. मौजूदा विधि आयोग का कार्यकाल खत्म होने में महज कुछ हफ्ते बाकी हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक 23वें विधि आयोग के गठन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस बलबीर सिंह चौहान 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष थे, जिसका कार्यकाल 2018 तक था. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी, 2020 को 22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी थी और 28 फरवरी, 2021 को इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी हुई थी. इसके मुताबिक 22वें विधि आयोग का कार्यकाल सरकारी राजपत्र के प्रकाशन तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए है.
लेकिन इस साल फरवरी में केंद्र सरकार ने आयोग का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दिया था. विधि आयोग जटिल कानूनी मसलों पर सरकार को सलाह देता है. वर्तमान आयोग समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट पर काम कर रहा है. सूत्रों का दावा है कि रिपोर्ट पूरी तरह तैयार है. जस्टिस ऋतुराज अवस्थी 22वें लॉ कमीशन के अध्यक्ष थे. हालांकि, उन्होंने कुछ समय पहले लोकपाल में न्यायिक सदस्य के तौर पर अपनी नियुक्त होने के बाद मार्च में इस्तीफा दे दिया था.
सूत्रों के मुताबिक यूसीसी पर तैयार रिपोर्ट अगले यानी 23वें विधि आयोग को भेजी जाएगी. यह नए आयोग पर निर्भर करेगा कि वह इसे वर्तमान स्वरूप में ही सरकार को भेजे या इसमें कुछ संशोधन करे या अपने विवेक के अनुसार कुछ अन्य सुझाव भी जोड़े. बता दें कि स्वतंत्रता के बाद भारत में 1955 में पहला विधि आयोग स्थापित किया गया था. तब से 22 विधि आयोग स्थापित किए जा चुके हैं.
संजय शर्मा