2002 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) इस समय भारत में है. एनआईए उससे मुंबई हमले को लेकर पूछताछ कर रही है. इस बीच अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण को लेकर जो आधिकारिक बयान जारी किया है, उसमें सनसनीखेज खुलासा हुआ है.
अमेरिकी न्याय विभाग की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि तहव्वुर राणा ने 2008 मुंबई आतंकी हमले को अंजाम देने वाले लश्कर के सभी नौ आतंकियों के लिए पाकिस्तान के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार की मांग की थी. तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली के साथ बातचीत में यह बात कही थी.
अमेरिकी बयान में बताया गया है कि राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमलों को अंजाम देने वालों को निशान-ए-हैदर से नवाजा जाना चाहिए. उसने मुंबई हमले को सही ठहराते हुए कहा था कि भारतीय इसी के लायक हैं.
बयान में बताया गया कि तहव्वुर राणा ने कथित तौर पर अपने इमिग्रेशन बिजनेस की मुंबई ब्रांच खोलने और हेडली को इस ब्रांच का मैनेजर नियुक्त करने को तैयार हो गया था. जबकि हेडली के पास इमिग्रेशन सेक्टर का कोई अनुभव नहीं था.
बता दें कि एनआईए ने तहव्वुर राणा पर आपराधिक साजिश रचने, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है. अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहे डेविड हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ली थी और वह मुंबई में हमले की साजिश रचने के लिए लश्कर के सीधे संपर्क में था. अमेरिका ने कहा कि दो अलग-अलग मौकों पर तहव्वुर ने कथित तौर पर भारत का वीजा एप्लिकेशन तैयार करने में हेडली की मदद की थी.
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