43 दिन की शादी, तलाक लेने में लग गए 22 साल... सुप्रीम कोर्ट ने कपल को दी बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में एक कपल के तलाक को मंजूर किया है, जिसके लिए वे 22 साल से कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे. दोनों पति-पत्नी मेडिकल प्रोफेशनल हैं और 43 दिनों की शादी के बाद ही वे अलग हो गए थे. पत्नी अपने मायके चले गई थी, जिसके बाद दोनों ने तलाक लेने का फैसला किया था.

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सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

एक ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे जोड़े को तलाक का आदेश दिया है, जो शादी के बाद सिर्फ 43 दिन ही साथ रहे लेकिन उन्हें अलग होने में 22 साल का समय लग गया. संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हुए कोर्ट ने लंबे समय तक अलग रहने की वजह से तलाक के आदेश को मंजूर करने की मांग को स्वीकार किया.

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कपल ने फरवरी 2002 में शादी की थी. दोनों मेडिकल प्रोफेशनल हैं. हालांकि, उसी साल 17 मार्च को पत्नी अपने माता-पिता के घर चली गई. इसके बाद 2005 में कोर्ट के आदेश के मुताबिक, कपल को रिकंसिलेशन के लिए 20 दिन का समय दिया गया लेकिन दोनों के रिश्ते में कोई सुधार नहीं हुआ. इसके बाद से कपल अलग है और दोनों अपना-अपना जीवन जी रहे हैं.

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लंबे समय तक अलग रहने पर टूट गई शादीने साथ ही यह स्वीकार किया कि कपल में दोनों पति-पत्नी वित्तीय रूप से स्वतंत्र हैं, और ऐसे में कोर्ट ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इनकार कर दिया.

कपल के बीच कई तरह की कानूनी लड़ाइयां देखी गई. साल 2002 से एक-दूसरे के खिलाफ आपराधिक आरोपों सहित छह मामले दर्ज किए गए. इस निरंतर संघर्ष और लंबे समय तक अलग रहने की अवधि से सुप्रीम कोर्ट इस नतीजे तक पहुंचा कि विवाह पूरी तरह से टूट चुका है. हालांकि, पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि उन्होंने अपने पति के साथ सुलह करने की कोशिश की लेकिन कोर्ट ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया.

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सुप्रीम कोर्ट ने पति की इस दलील को किया स्वीकार

सुप्रीम कोर्ट के जज ने बताया कि 22 वर्षों के दरमियान महिला के पास अपने पति के साथ सुलह करने के लिए पर्याप्त अवसर थे. हालांकि, पति ने महिला के दावे को खारिज करते हुए दलील कि वह इस केस को और लंबा खींचने के लिए कोर्ट में इस तरह के दावे कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पति की दलील को स्वीकार किया और अनुच्छेद 142 के तहत स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हए कोर्ट ने उनके तलाक को मंजूरी दे दी.

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सुप्रीम कोर्ट

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