'कुत्तों ने भी आशीर्वाद दिया, ऐसे मैसेज मिले', आवारा कुत्तों को लेकर आदेश पर SC के जज का बयान

सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि आवारा कुत्तों ने उन्हें देश-विदेश में पहचान दिलाई और ये कि कुत्ते उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं. तिरुवनंतपुरम में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि डॉग लवर्स से उन्हें शुभकामनाएं मिल रही हैं.

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एससी के पहले आदेश में जस्टिस नाथ की बेंच ने किया था बदलाव. (File Photo) एससी के पहले आदेश में जस्टिस नाथ की बेंच ने किया था बदलाव. (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस विक्रम नाथ ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में आयोजित एक कार्यक्रम में एक हल्के-फुल्के अंदाज़ में एक ऐसी टिप्पणी की, जिसपर चर्चा तेज हो गई है. उन्होंने कहा, "मैं आवारा कुत्तों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे न सिर्फ इस देश में, बल्कि पूरी दुनिया में पहचान दिलाई." उन्होंने यह भी कहा, "मुझे मैसेज आ रहे हैं कि कुत्ते प्रेमियों के अलावा, कुत्ते भी मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं."

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जस्टिस नाथ ने बताया कि अब तक वे सिर्फ लीगल फ्रेटरनिटी में अपने काम के लिए जाने जाते थे, लेकिन हाल ही में दिल्ली से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल केस ने उन्हें सिविल सोसाइटी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई. उन्होंने कहा, "अब मुझे डॉग लवर्स से भी मैसेज मिल रहे हैं. कई लोग लिखते हैं कि इंसानों की आशीर्वाद के साथ-साथ मुझे कुत्तों की आशीर्वाद भी मिल रही हैं."

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लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस नाथ ने इस मौके पर सीजेआई बीआर गवई का भी धन्यवाद किया जिन्होंने यह मामला उनके सुपुर्द किया. जस्टिस नाथ ने बताया कि हाल ही में लॉ एशिया POLA समिट में भी विदेशी वकीलों ने उनसे इस केस को लेकर सवाल पूछे, जिससे उन्हें गर्व महसूस हुआ.

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दो जजों की बेंच के फैसले में जस्टिस नाथ ने किया था बदलाव 

गौरतलब है कि जस्टिस नाथ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने 22 अगस्त को एक अहम आदेश दिया था. इस आदेश के तहत 11 अगस्त को दो-न्यायाधीशों की बेंच के निर्देश पर रोक लगाई गई थी, जिसमें दिल्ली-एनसीआर से पकड़े गए स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर में रखने का आदेश दिया गया था. जस्टिस नाथ की बेंच ने कहा कि इन कुत्तों को वेक्सिनेषशन और स्टर्लाइजेशन के बाद उनकी मूल जगह पर ही छोड़ा जाना चाहिए.

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स्ट्रे डॉग्स पर एससी के पहले आदेश का हुआ था विरोध

CJI ने यह केस जस्टिस नाथ को उस समय सौंपा था जब पिछले आदेश के खिलाफ देशभर में विरोध हुआ. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सभी स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर में रखना न तो व्यावहारिक है और न ही मानवीय. जस्टिस नाथ की बेंच ने इस पर एक मिडिल ग्राउंड तैयार किया, जिसमें कुत्तों के स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा दोनों को संतुलित किया गया.

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