साउथ अफ्रीका स्टेट कैप्चर केस: भारत में गुप्ता ब्रदर्स के नेटवर्क पर ED का एक्शन, इन शहरों में एक साथ छापे

भारत और दक्षिण अफ्रीका की जांच एजेंसियां अब एक साथ मिलकर गुप्ता ब्रदर्स के नेटवर्क पर शिकंजा कस रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग और राजनीतिक पहुंच का खेल, जो जोहांसबर्ग से दुबई होते हुए दिल्ली तक फैला था, अब ईडी के निशाने पर है. वर्ल्ड विंडो ग्रुप और शेल कंपनियों के जरिए फैले इस काले धन के जाल को सुलझाना दोनों देशों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.

Advertisement
गुप्ता ब्रदर्स की संपत्ति‍ पर ईडी का श‍िकंजा कसा (Source: Getty Images) गुप्ता ब्रदर्स की संपत्ति‍ पर ईडी का श‍िकंजा कसा (Source: Getty Images)

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई की. यह छापेमारी कारोबारी पियूष गोयल (वर्ल्ड विंडो ग्रुप) और साउथ अफ्रीका के कुख्यात गुप्ता ब्रदर्स के नेटवर्क के खिलाफ की गई.

ईडी की टीमें दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद सहित कई जगहों पर पहुंचीं. यह कदम साउथ अफ्रीकी अधिकारियों से आए म्युचुअल लीगल अस‍िस्टेंस रिक्वेस्ट (MLAR) के बाद उठाया गया, जिसमें स्टेट कैप्चर स्कैंडल की जांच चल रही है. जांच का फोकस वर्ल्ड विंडो ग्रुप, सहारा कंप्यूटर्स और ITJ रिटेल्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां हैं जिनके के जरिए कथित मनी लॉन्ड्रिंग की गई.

Advertisement

अहमदाबाद में 'किंगपिन' से पूछताछ

छापे के दौरान अहमदाबाद में ईडी ने राम रतन जगाती को हिरासत में लेकर पूछताछ की. जांच एजेंसियों के मुताबिक, वह इस नेटवर्क का अहम खिलाड़ी है. आरोप है कि उसने दुबई में JJ Trading FZE नाम की शेल कंपनी बनाई, जिसके जरिए गुप्ता ब्रदर्स और गोयल का काला धन बाहर भेजा जाता था.

एजेंसी अब फाइनेंशियल रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और दस्तावेज़ों को खंगाल रही है, ताकि भारत, साउथ अफ्रीका और यूएई के बीच पैसों की हेराफेरी का पूरा ट्रेल पकड़ा जा सके.

गुप्ता ब्रदर्स पर आरोप

साउथ अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स पर लंबे समय से आरोप हैं कि उन्होंने राजनीतिक रिश्तों का इस्तेमाल कर सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए और पब्लिक फंड्स का दुरुपयोग किया. मशहूर #GuptaLeaks एक्सपोज़े में पहले भी JJ Trading FZE और अन्य फ्रंट कंपनियों के जरिए घूस और ट्रांसफर को वैध व्यापार की तरह दिखाने का खुलासा हो चुका है.

Advertisement

दिल्ली के स्क्रैप ट्रेडिंग से शुरू हुआ वर्ल्ड विंडो ग्रुप 1990 के दशक में बना था. बाद में कंपनी लॉजिस्टिक्स और माइनिंग तक फैली. बताया जाता है कि 2010 के आसपास गोयल और गुप्ता ब्रदर्स के बीच नज़दीकी कारोबारी रिश्ते बने.

भारत-साउथ अफ्रीका की जॉइंट एक्शन

अधिकारियों का कहना है कि यह छापेमारी इस बात का संकेत है कि भारत और साउथ अफ्रीका मिलकर क्रॉस-बॉर्डर मनी लॉन्ड्रिंग और फाइनेंशियल क्राइम्स से निपटने के लिए गंभीर हैं.  मिली हुई जानकारी के आधार पर आगे संपत्ति जब्ती, बैंक अकाउंट फ्रीज और कानूनी कार्रवाई हो सकती है. 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement