'मनमोहन सिंह एक उत्कृष्ट राजनेता थे', रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दी श्रद्धांजलि

पुतिन ने कहा कि मनमोहन सिंह ने दोनों देशों (भारत-रूस) के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने में एक प्रमुख व्यक्तिगत योगदान दिया. ताकि उन्हें रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि मुझे मनमोहन सिंह जैसे उल्लेखनीय व्यक्ति से कई बार बात करने का अवसर मिला.

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी (फाइल फोटो- PTI) रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी (फाइल फोटो- PTI)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर के दिग्गज नेता शोक व्यक्त कर रहे हैं. इसी क्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह एक उत्कृष्ट राजनेता थे, प्रधानमंत्री के रूप में और अन्य उच्च पदों पर रहते हुए, उन्होंने भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विश्व मंच पर इसके हितों को मुखर करने में अहम भूमिका निभाई. 

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पुतिन ने कहा कि मनमोहन सिंह ने दोनों देशों (भारत-रूस) के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करने में एक प्रमुख व्यक्तिगत योगदान दिया. ताकि उन्हें रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि मुझे मनमोहन सिंह जैसे उल्लेखनीय व्यक्ति से कई बार बात करने का अवसर मिला. हम उनकी यादों को संजो कर रखेंगे.

वहीं, मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि मेरे सम्मानित और प्रिय मित्र डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर मुझ पर दुख का बोझ बढ़ गया है. इस महान व्यक्ति के बारे में निश्चित रूप से बहुत सारी किताबें होंगी, जो उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में व्यक्त करेंगी. डॉ. मनमोहन सिंह विश्व के आर्थिक दिग्गजों में से एक थे. 

इब्राहिम ने कहा कि जब मैं जेल में था तो डॉ. मनमोहन सिंह ने दयालुता दिखाई, उन काले दिनों में, जब मैं कारावास की भूलभुलैया से गुज़र रहा था, वे एक सच्चे दोस्त की तरह मेरे साथ खड़े रहे. शांत उदारता के ऐसे कार्य उन्हें परिभाषित करते हैं, और वे हमेशा मेरे दिल में रहेंगे.

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मनमोहन सिंह की व्यक्तिगत यात्रा भी उल्लेखनीय रही. वह पाकिस्तान के एक छोटे से गांव गाह में जन्मे थे, उनका परिवार विभाजन के दौरान भारत आ गया. बिजली, स्कूल या स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित एक गांव में अपनी साधारण शुरुआत के बावजूद मनमोहन सिंह की प्रतिभा चमक उठी. छात्रवृत्ति ने उन्हें विश्व स्तर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त किया.

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