तिरुवनंतपुरम में एक आरएसएस कार्यकर्ता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार, घटना शनिवार को तब सामने आई जब त्रिक्कन्नपुरम के रहने वाले आनंद के. थंपी अपने घर परिसर में बने एक शेड में फांसी के फंदे से लटके पाए गए. बताया गया कि वे आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा का टिकट न मिलने से बेहद परेशान थे.
भाजपा प्रत्याशी बनने की उम्मीद
पुलिस ने बताया कि थंपी तिरुवनंतपुरम निगम के त्रिक्कन्नपुरम वार्ड से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन जब उन्होंने पाया कि भाजपा की उम्मीदवार सूची में उनका नाम शामिल नहीं है, तो वे टूट गए. हालांकि, भाजपा के स्थानीय नेताओं का कहना है कि थंपी कभी उनके पास टिकट मांगने पहुंचे ही नहीं. उनका कहना है कि टिकट न मिलने से इस घटना को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी के स्तर पर इस बात की जांच जरूर की जाएगी कि आखिर क्या हुआ.
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स्वतंत्र उम्मीदवार बनने की घोषणा
भाजपा सूची में नाम न मिलने के बाद थंपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर घोषणा की थी कि वे अब स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों को व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने आरएसएस और भाजपा नेताओं पर कुछ गंभीर आरोप लगाए और शनिवार दोपहर आत्महत्या करने की बात लिखी.
स्थानीय नेताओं पर रेत माफिया से जुड़े होने का आरोप
अपने संदेश में थंपी ने दावा किया कि उन्होंने आरएसएस के कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने की इच्छा के बारे में पहले ही बता दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय नेताओं के रेत तस्करी माफिया से जुड़े हितों के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया गया. साथ ही यह भी कहा कि स्वतंत्र उम्मीदवार बनने की घोषणा के बाद उनके दोस्त उनसे दूरी बनाने लगे, जिससे वे निराश हो गए.
दोस्त पहुंचे, लेकिन बचाया नहीं जा सका
व्हाट्सएप संदेश देखकर उनके दोस्त तुरंत घर पहुंचे और उन्हें फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए. लेकिन शाम तक इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है.
बीजेपी राज्य अध्यक्ष ने जताया दुख
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वे इस घटना से सदमे में हैं. उन्होंने बताया कि जिला अध्यक्ष से जानकारी लेने पर पता चला कि वार्ड स्तर से भिजवाई गई शॉर्टलिस्ट में थंपी का नाम था ही नहीं. उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले की पूरी तरह जांच करेगी. उधर, शिवसेना नेताओं ने दावा किया कि टिकट न मिलने के बाद थंपी उनके पास समर्थन मांगने आए थे. उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम पार्टी नेताओं की थंपी के साथ होटल में बैठक भी हुई थी और उन्होंने शनिवार सुबह शिवसेना की सदस्यता ग्रहण कर प्रचार भी शुरू कर दिया था. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है. परिजनों के बयान के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा.
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