मानहानि के मामले में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ आए फैसले को कांग्रेस अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है. पार्टी इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई तो लड़ेगी ही, लेकिन इसके साथ-साथ वह विपक्षी दलों को साथ लेकर इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाने की तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने जा रही है.
राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे कांग्रेस नेता
इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने आज राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा है. गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर में करीब 50 सांसदों, कांग्रेस स्टियरिंग कमेटी के सदस्यों और वरिष्ठ नेता की एक बैठक हुई, जिसमें आगे की रणनीति तय हुई. खड़गे ने आज सभी विपक्ष की पार्टियों को बैठक में बुलाया है. इसके बाद 11:30 या 12 बजे सारे विपक्ष के सांसद विजय चौक तक मार्च निकालकर प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद दोपहर सभी विपक्ष की पार्टियों की तरफ से राष्ट्रपति से समय मांगा गया है.
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बुलाई इमरजेंसी बैठक
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर आज शाम को पांच बजे एक इमरजेंसी बैठक बुलाई है. कांग्रेस अध्यक्ष, सारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सीएलपी लीडर्स के साथ यह बैठक होगी. इस बैठक में इस बात को लेकर रणनीति बनाई जाएगी कि लोगों के बीच में किस तरह का प्रदर्शन करना है और आगे के कार्यक्रमों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. कांग्रेस इसे फैसले को ना केवल कानूनी रूप से चुनौती देगी बल्कि राजनीतिक रूप से मुद्दे को उठाएगी.
सोमवार को देशभर में प्रदर्शन
कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सोमवार को राजधानी दिल्ली सहित अलग-अलग राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि यह सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं बल्कि एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है. पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा यह यह मुद्दा हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है. उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की एक बड़ी मिसाल है. कांग्रेस की रणनीति से साफ है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी और फैसले को सरकार से जोड़ेगी कि कैसे राहुल गांधी को जबरन फंसाया गया.
गुरुवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही कांग्रेस की तरफ से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किए गए. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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मिला विपक्ष का साथ
राहुल गांधी के मुद्दे पर विपक्ष भी एकजुट होता नजर आ रहा है. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने फैसला आने के तुरंत बाद कहा, 'ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है. हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फ़साना ठीक नहीं.' वहीं आरजेडी नेता और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, 'विपक्षी एकजुटता में अब देर नहीं करनी चाहिए. नरेन्द्र मोदी पूरी तरह से नर्वस हो चुके हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में हार से डरे हुए हैं.'
जानिए किस मामले में राहुल को मिली सजा
राहुल गांधी ने कर्नाटक में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?इसके बाद बीजेपी विधायक ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान से हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची. पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे. वे दिसंबर में सूरत से दोबारा विधायक चुने गए हैं.
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