कौन हैं ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी? जिनसे भगवंत सिंह मान की मुलाकात पर हो रहा बवाल

पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान और ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी की मुलाकात पर सियासी बवाल शुरू हो गया है. बीजेपी नेता और पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह ने इस मुलाकात पर सवाल उठाए हैं.

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भगवंत मान और तनमनजीत सिंह ढेसी (फोटो-ट्विटर) भगवंत मान और तनमनजीत सिंह ढेसी (फोटो-ट्विटर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST
  • ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद हैं ढेसी
  • 2017 में ग्रेवशाम से चुने गए थे सांसद

पंजाब के नए-नए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी से मुलाकात कर विवाद में फंस गए हैं. बीजेपी नेता और पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह ने मान और ढेसी की मुलाकात पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ढेसी का स्टैंड हमेशा से एंटी-इंडिया रहा है. जनरल जेजे सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी को साफ करना चाहिए कि क्या वो ढेसी के 'अलगाववादी और भारत विरोधी' विचारों का समर्थन करती है? 

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ब्रिटिश सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा से भी मुलाकात की थी. तनमनजीत सिंह ढेसी ब्रिटने की लेबर पार्टी के सांसद हैं. वो 2017 के आम चुनाव में ग्रेवशाम सीट से सांसद चुने गए थे. इससे पहले ढेसी यहां के मेयर थे. पगड़ी धारण करने वाले ढेसी ब्रिटेन के पहले सिख सांसद हैं. ढेसी पर खलिस्तान समर्थन होने के आरोप लगते रहे हैं. 

Grateful to #Punjab Chief Minister @BhagwantMann for warmth with which he received me at his Chandigarh residence.

We, @raghav_chadha and Dr Nijjar MLA discussed at length NRI hopes, anxieties and desire to see the Punjab progress.
He assured me his best to address these issues. pic.twitter.com/hbCXNqFMbF

— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) April 15, 2022

ढेसी अक्सर भारत में होने वाली घटनाओं को ब्रिटिश संसद में उठाते रहे हैं. फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों के बारे में उन्होंने संसद में कहा था कि 1984 में मैंने सिखों का नरसंहार देखा है. हमें इतिहास से सीखना चाहिए. हमें उन लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए, जो धर्म के आधार पर लोगों को बांट रहे हैं और धार्मिक स्थलों को नष्ट करने पर तुले हुए हैं. उन्होंने दिल्ली दंगों पर कहा था कि इसने 'दर्दनाक यादें' ताजा कर दीं.

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ढेसी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की भी आलोचना की थी. उन्होंने कहा था, हम मानवाधिकारों के हनन पर चुप नहीं रह सकते. इस समय हमें कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ रहने की जरूरत है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन पर भी ढेसी ने ब्रिटेन में ऑनलाइन पिटीशन पर साइन करवाई थी. उन्होंने ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन पर चर्चा करने की मांग भी की थी.

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जालंधर से आता है ढेसी का परिवार

तनमनजीत का जन्म 17 अगस्त 1978 को ब्रिटेन के बर्कशायर के स्लो (Slough) शहर में हुआ था. उनका परिवार जालंधर का रहने वाला था. उनके पिता जसपाल सिंह ढेसी ब्रिटेन में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते थे. उनके पिता ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा के अध्यक्ष भी थे. 

तनमनजीत जब 10 साल के थे, तब वो पढ़ाई के लिए जालंधर आए थे. हालांकि, बाद में वो वापस ब्रिटेन लौट गए. उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और ऑक्सफोर्ड के केबल कॉलेज से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज के फित्जविलियम कॉलेज से इतिहास और राजनीति में MPhil किया. 

मई 2011 में तनमनजीत ग्रेवशाम के मेयर चुने गए. इसके बाद 2017 में ग्रेवशाम से ही लेबर पार्टी के सांसद चुने गए. उस चुनाव में उन्होंने 17 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. 2019 में फिर से ढेसी यहां से सांसद चुने गए. ढेसी अकाली दल के दिवंगत नेता जतिंदर सिंह करीहा के दामाद हैं.

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