तमिलनाडु: सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के भाषण के दौरान बिजली गुल, बिजली बोर्ड के दो अफसरों का तबादला

यह मामला तमिलनाडु के वेल्लोर जिले का है. डीएमके सरकार में जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन सोमवार को एक सरकारी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे कि अचानक बिजली गुल हो गई. इससे उनके माइक ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद कुछ मिनटों के भीतर ही वह कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चले गए. मामले के अगले दिन बिजली बोर्ड के दो सहायक इंजीनियर्स का तबादला कर दिया गया.

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डीएमके सरकार में जल संसाधन मंत्री दुरुईमुरुगन डीएमके सरकार में जल संसाधन मंत्री दुरुईमुरुगन

प्रमोद माधव

  • चेन्नई,
  • 14 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन के भाषण के दौरान बिजली गुल होने की गाज बिजली बोर्ड के दो कर्मचारियों पर गिरी. यह मामला वेल्लोर जिले के उनके निर्वाचन क्षेत्र कटपडी का है. दुरईमुरुगन सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जहां अचानक उनके संबोधन के बीच ही बिजली गुल हो गई. उन्हें इस दौरान कटपडी गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं को निशुल्क साइकिलें भी मुहैया करानी थी. 

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इस दौरान छात्राओं को संबोधित करते हुए दुरईमुरुगन अपने स्कूली जीवन की कुछ यादें साझा कर रहे थे कि तभी बिजली गुल हो गई, जिससे उनके माइक ने काम करना बंद कर दिया. इसके बाद मंत्री ने बिजली सप्लाई बहाल होने का कुछ मिनटों तक इंतजार भी किया लेकिन सप्लाई बहाल नहीं हो सकी, जिसके बाद उन्होंने इस सरकारी कार्यक्रम को बीच में ही छोड़ दिया.

इसके बाद मंगलवार को तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन कॉरपोरेशन (बिजली बोर्ड) के दो सहायक इंजीनियर्स का तबादला कर दिया गया. 

वेल्लोर डिस्ट्रिब्यूशन सर्किल के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर रामालिंगम ने इसकी पुष्टि की है कि सहायक इंजीनियर्स किरण कुमार और चिट्टी बाबू का तबादला कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके तबादले की वजह प्रशासनिक बताई जा रही है. 

हालंकि, सरकारी कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल होने का कोई जवाब नहीं मिल पाया. इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं मिल पाया कि क्या इस तरह का कोई नियम है कि किसी मंत्री के कार्यक्रम में बिजली गुल होने पर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों का तबादला कर दिया जाता है. 

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इस मामले के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि तमिलनाडु के ऐसे कई गांव है, जहां बिना किसी सूचना के कई-कई घंटों तक बिजली कटौती की जाती है लेकिन अधिकारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती. लेकिन एक मंत्री के भाषण कार्यक्रम के दौरान बिजली गुल होने पर बिजली बोर्ड के दो कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई.

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