प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अष्टमी के दिन दिल्ली के सीआर पार्क में दुर्गा पूजा पंडाल का दौरा किया और काली बाड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी उपस्थित रहीं.
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए ग्रेटर कैलाश-2 वेलफेयर एसोसिएशन ने निवासियों से अनुरोध किया कि वे सीआर पार्क के कुछ आंतरिक मार्गों का उपयोग न करें. सुरक्षा और सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ये प्रतिबंध दोपहर 3 बजे से मध्यरात्रि तक लागू रहेंगे.
बीजेपी रणनीतिकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री के इस दौरे के माध्यम से पार्टी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए अपनी चुनावी तैयारी को सांस्कृतिक और भावनात्मक तरीके से प्रदर्शित कर रही है.
पिछले हफ्ते, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोलकाता में दुर्गा पूजा का दौरा किया था, और यह उनकी कई वर्षों से चली आ रही परंपरा है. वहीं, पीएम मोदी ने भी 2020 में कोलकाता में दुर्गा पूजा में भाग लिया था.
बंगाली वोटरों तक पहुंच
बता दें कि चुनावों के लिए बीजेपी विशेष रूप से उन माइग्रेंट बंगालियों को टारगेट कर रही है, जो बंगाल के बाहर काम करते हैं लेकिन राज्य में वोटिंग का अधिकार रखते हैं. पार्टी अपने राज्य इकाइयों के माध्यम से इन मतदाताओं तक व्यक्तिगत और पारिवारिक नेटवर्क के जरिए पहुंच बना रही है.
बीजेपी रणनीतिकारों का कहना है कि जैसे बिहार में एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव के जरिए मतदाताओं से संपर्क किया गया, उसी तरह बंगाली मतदाताओं के साथ जुड़ाव के लिए दुर्गा पूजा का मंच इस्तेमाल किया जा रहा है. पार्टी यह संदेश दे रही है कि दुर्गा पूजा केवल बंगाल का पर्व नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर का उत्सव है.
बड़ी योजनाएं और पंडाल कार्यक्रम
बीजेपी ने बड़े शहरों और अन्य राज्यों में रहने वाले बंगालियों को दुर्गा पूजा के दौरान जोड़ने के लिए विशेष योजना तैयार की है. यूपी, मुंबई, दिल्ली, बिहार, झारखंड और बेंगलुरु जैसे शहरों में, जहां बंगाली समुदाय की संख्या 40,000 से अधिक है, वहां दुर्गा पूजा पंडाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जा रहे हैं.
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बंगाल की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना और पार्टी की विकसित बंगाल की दृष्टि को साझा करना है. बीजेपी ने 150 से अधिक जिलों की पहचान की है, जो बंगाली हिंदू आबादी के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इन क्षेत्रों में समुदाय को लक्षित कर विभिन्न कार्यक्रम किए हैं.
सामाजिक और राजनीतिक जुड़ाव
पार्टी के राज्य इकाई के माध्यम से, कार्यकर्ता, नेता, विधायक और सांसद सामाजिक बैठकें, चाय मिलन और चर्चाएं आयोजित कर रहे हैं. इन कार्यक्रमों में शिक्षित और प्रभावशाली बंगाली समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद और जुड़ाव बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
बीजेपी का यह प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाता है कि दुर्गा पूजा को सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का माध्यम बनाया जा रहा है, ताकि आगामी चुनाव में बंगाली मतदाता पार्टी के पक्ष में खड़े हों.
aajtak.in