प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. खास बात यह है कि आज ही उनके तीसरे टर्म का 100वां दिन भी है. आजतक ने इस खास दिन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की. उन्होंने पीएम को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि वह 'स्ट्रॉन्ग विल पावर के बहुत धनी हैं.'
दरअसल, तीसरे टर्म के लिए चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री ने बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी. बातचीत में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि आखिर आप (बीजेपी) में चुनाव से पहले इतना कॉन्फिडेंस कहां से आ गया? रक्षा मंत्री ने कहा, "हमारे लीडर, प्रधानमंत्री जी के कॉन्फिडेंस का सवाल है. ये भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है कि वह स्ट्रॉन्ग विल पावर के बहुत ही धनी हैं."
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'पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बोलता था...'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साथ ही कह, "उनके (पीएम मोदी) के विल पावर को कोई हिला नहीं सकता है. न तोड़ सकता है. प्रधानमंत्री के स्ट्रॉन्ग विल पावर का ही करिश्मा है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है. पहले भारत अंततराष्ट्रीय मंचों पर भारत कुछ बोलता था... तो भारत की बातों को जिस गंभीरतापूर्वक लिया जाना चाहिए, नहीं लिया जाता था."
रक्षा मंत्री ने कहा, "आज भारत जब कुछ बोलता है तो दुनिया कान खोलकर सुनती है कि भारत बोल क्या रहा है." रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस में इंडियनाइजेशन पर भी बात की और कहा कि हम डिफेंस आइटम का निर्माण भारत में ही करेंगे और भारतवासियों के हाथों से ही करेंगे. उन्होंने बताया कि 346 आइटम को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
विपक्ष के दबाव वाले दावों पर क्या बोले रक्षा मंत्री?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के अन्य कामों पर भी बात की और विपक्ष के आरोपों का भी जवाब दिया. उन्होंने वक्फ बोर्ड से संबंधित बिल को जॉइंट कमेटी में भेजने के लिए विपक्ष की बातों पर कहा कि बिल को वापस लेने की मजबूरी नहीं है. डेमोक्रेटिक प्रोसेस में जिस भी पार्टी की आस्था होगी वो चाहेगा कि जो भी फैसले लिए जाएं सामान्यत: उसपर एकमत बनाने की कोशिश उस सरकार को करनी चाहिए, जो कि लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करती है.
उन्होंने कहा कि एनडीए के लोग लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग हैं. ऐसे हमारी मेजोरिटी है, दोनों सदनों में हम पास करा सकते थे. विपक्ष के दबाव वाले दावों पर कहा कि किसी के दबाव में वापस नहीं लिए जाते. कभी-कभी कुछ चीजें ऐसी भी होती हैं, जिनके संबंध में कुछ विचार करने की जरूरत होती है, लेकिन किसी के दबाव में काम करने वाली ये सरकार नहीं है.
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