कोलकाता अस्पताल में रेप-मर्डर की घटना का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन की बौछार की गई. नबन्ना अभियान में भगवा वस्त्र पहने एक दाढ़ी वाला शख्स ममता बनर्जी के प्रशासन के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक बन गया है. इंडिया टुडे टीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में, साधु ने अपना नाम बलराम बोस बताया. साथ ही आरजी कर रेप-मर्डर मामले में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का कारण भी बताया. दरअसल, उक्त साधु को बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी ने प्रबीर बोस नामक एक फोटोग्राफर बताया है. साथ ही दावा किया कि वह बीजेपी का सदस्य है.
दरअसल, 27 अगस्त को जब हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय नबन्ना की ओर कूच किया तो 6,000 से ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों ने टकराव की आशंका में इसके चारों ओर तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा बना लिया. लोहे और एल्युमीनियम के बैरिकेड लगाए गए थे और साइट पर पानी की बौछारें और अन्य दंगा-नियंत्रण उपकरण तैयार रखे गए थे.
इस दौरान देखते ही देखते 'नबन्ना अभिजन' विरोध हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारी भीड़ सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गई. प्रदर्शनकारियों ने पत्थर फेंके और बैरिकेड तोड़ दिए, जबकि पुलिस ने उत्तेजित भीड़ को तितर-बितर करने के प्रयास में वॉटर कैनन की बौछारें छोड़ीं. इस दौरान भगवा वस्त्र पहने एक साधु की तस्वीर ने सभी का ध्यान खींचा, जो पानी की बौछारों के सामने तिरंगा लेकर खड़ा था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी भगवा वस्त्रधारी साधु का वीडियो शेयर करते हुए कहा, "लोग अत्याचार के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं..."
कोलकाता में विरोध प्रदर्शन करने वाले भगवाधारी साधु कौन हैं?
शुरुआत में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कोलकाता से वायरल हुए वीडियो में दिख रहे शख्स ने बताया कि उनका नाम बलराम बोस है और वे महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर निष्पक्ष समाधान चाहते हैं और आरजी कर मेडिकल अस्पताल की 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर को शीघ्र न्याय दिलाना चाहता है.
इसके बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सदस्य होने का आरोप लगाया था. अब उन्होंने गुरुवार को इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए उन्होंने दोहराया कि उनका नाम बलराम बोस है.
जब बलराम बोस से पूछा गया कि वह पानी की बौछारों का सामना कैसे कर पाए और विरोध प्रदर्शन जारी रखा, तो उन्होंने कहा, "विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेते समय मुझे लगा कि हमें अपनी आवाज नबन्ना तक पहुंचानी है. अगर मुझे ऐसा करने के लिए मरना पड़ता तो मैं मर जाता. नबन्ना तक अपनी आवाज पहुंचाना ही मेरा मकसद था."
उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी आवाज़ उठाने के लिए अपने गुरु अरबिंदो घोष से प्रेरणा मिली. बोस ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा था, "मैं जिन महान गुरुओं का अनुसरण करता हूं, उनमें से एक अरबिंदो घोष हैं. उन्होंने कहा था, अगर आप वास्तव में कुछ करना चाहते हैं, तो करें. अन्यथा, मर जाएं."
टीएमसी के आऱोपों पर दिया ये जवाब
कोलकाता कांड के बाद विरोध प्रदर्शन के राजनीतिकरण के तृणमूल कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बलराम ने कहा, "छात्रों ने इसमें शामिल होने और सरकार को विरोध का संदेश देने का आह्वान किया था. कहा गया था कि हर घर से एक व्यक्ति इसमें शामिल होना चाहिए. मेरे घर में भी महिलाएं, बहनें और एक बेटी है. इसलिए, हमें उनकी सुरक्षा के बारे में चिंतित होना चाहिए. इसके बाद मैं विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गया."
उन्होंने इंडिया टुडे टीवी से कहा, "यह मेरी आत्मा की पुकार थी जिसने मुझे नबान्ना तक मार्च में शामिल होने के लिए प्रेरित किया. मैं पुलिस को इशारा कर रहा था कि वे निरंकुश व्यवस्था में अपनाई जाने वाली गुलामी से मुक्त हो जाएं. मैं उनसे कह रहा था कि बंधनों से मुक्त होकर नबान्ना तक हमारे मार्च में शामिल हों या फिर इतनी जोर से पानी की बौछारें मारें कि हम सब बह जाएं. मैं उन लड़कियों का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिनका हर दिन बलात्कार होता है. मैं एक सनातनी हूं, भगवान शिव का भक्त हूं. मैं नहीं चाहता कि कोई राजनीतिक दल इस आंदोलन को प्रभावित करे या भटकाए. हमें न्याय चाहिए और कुछ नहीं."
तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए उनके राजनीतिक संबंधों के दावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोस ने खुलासा किया, "हम इस तरह की राजनीति नहीं चाहते हैं. राजनीतिक रूप से पक्षपाती हुए बिना सभी को एक साथ बैठकर उचित चर्चा करनी चाहिए. लेकिन उन्हें बैठकर बात करने का कोई मन नहीं है."
टीएमसी ने साधु पर बीजेपी सदस्य होने का आरोप लगाया
बता दें कि साधु का वीडियो वायरल होने के बाद पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वह भाजपा का सदस्य है. 'तृणमूल समर्थक' नामक एक पेज ने पोस्ट किया, "ये भाजपा का सदस्य है."
यही आरोप टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने भी लगाया. उच्च सदन में पार्टी के उपनेता घोष ने एक्स पर पोस्ट किया, "कोलकाता में बीजेपी की हिंसक भीड़ में शामिल साधु धार्मिक वेशभूषा पहने हुए प्रबीर बोस नामक एक फोटोग्राफर निकला. वह बीजेपी का सदस्य भी है. क्या मज़ाक है."
मुर्शिदाबाद के टीएमसी सदस्य तोफज्जल एस.के. ने भी एक्स पर यही लिखा. उन्होंने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और प्रोफाइल का कोलाज भी शेयर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि साधु भाजपा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े हुए हैं.
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