संसद का बजट सत्र चल रहा है और चालू सत्र के तीसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. संसद में सरकार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा कराना चाहती है तो वहीं विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट, अडानी ग्रुप को लेकर उठे सवालों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं.
विपक्ष अडानी समूह पर लगे आरोप की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर आक्रामक है. बजट सत्र के तीसरे और चौथे दिन की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है. पांचवे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए. इसके बाद संसद की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई.
संसद में जारी गतिरोध को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि हमने नियम 267 के तहत जो नोटिस दी है, पहले उस पर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि यह राष्ट्रपति के अभिभाषण से अलग विषय है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पहले हमारी नोटिस पर चर्चा हो.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने ये भी कहा कि हम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन पूरे देश में जो गड़बड़ी हो रही है, उसे लेकर पहले प्रधानमंत्री जवाब दें. वहीं, समाजवादी पार्टी के मुख्य महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कहा है कि हम चाहते हैं कि अडानी के जो शेयर्स SBI और LIC ने खरीदे, उसकी JPC के जरिए जांच हो.
सपा सांसद रामगोपाल ने कहा कि ये पैसा क्यों दिया गया, किन शर्तों पर दिया गया? इसकी जांच होना जरूरी है. उन्होंने सवाल उठाया कि इन पर दबाव किसका था? जब तक JPC के जरिए जांच नहीं होगी, तब तक इसका पता नहीं चलेगा. इसलिए जांच होनी चाहिए. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि देश का हर वर्ग चिंतित है लेकिन सरकार पर्दा डाल रही है.
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सरकार हर चीज छिपाना चाहती है. उन्होंने कहा कि अब सरकार की पोल खुल गई है. केसी वेणुगोपाल ने ये भी कहा कि हम अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे की जांच जेपीसी से कराना चाहते हैं.
गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष का धरना
संसद भवन परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के सामने 16 विपक्षी दलों के सांसदों ने धरना दिया. अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे को अडानी स्कैम, अडानी स्कैंडल बताते हुए विपक्षी दलों के सांसदों ने ये भी सवाल किया कि सरकार जांच से क्यों भाग रही है. विपक्ष के सांसदों की मांग थी कि इस मामले की यां तो जेपीसी जांच कराई जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो. विपक्ष के इस धरने में कांग्रेस, सपा, आरजेडी के साथ ही टीएमसी और बीआरएस के सांसद भी शामिल हुए.
हंगामे की भेंट चढ़ चुकी दो दिन की कार्यवाही
गौरतलब है कि संसद के चालू बजट सत्र के दौरान तीसरे और चौथे दिन की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है. विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा, संसद के दोनों ही सदनों की कार्यवाही को एक बार स्थगित करना पड़ा था. कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तब भी विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी.
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