पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा रद्द कर भारत छोड़ने का आदेश दिया. बीते 6 दिनों में 786 पाकिस्तानी नागरिक (जिनमें 55 राजनयिक और उनके परिवार शामिल हैं) अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत से पाकिस्तान लौट गए. इनमें 8 भारतीय नागरिक भी शामिल थे जो पाकिस्तानी वीजा पर भारत में थे. सार्क वीजा रखने वालों के लिए भारत छोड़ने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल थी. मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए अंतिम तिथि 29 अप्रैल थी.
वहीं, 1,465 भारतीय नागरिक (जिनमें 25 राजनयिक और अधिकारी शामिल हैं) पाकिस्तान से भारत लौटे. सरकार ने 12 वीजा श्रेणियों के लिए अलग-अलग समय-सीमाएं तय की थीं, जिसमें मेडिकल, बिजनेस, स्टूडेंट और पत्रकार वीजा शामिल हैं.
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तीन रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को 23 अप्रैल को अवांछित व्यक्ति (Persona Non Grata) घोषित किया गया और उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया. इन डिफेंस अटैच्स (Defence Attaches) के पांच सहायक कर्मचारियों को भी भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने डिफेंस अटैच्स को भी वापस बुला लिया है.
हालांकि, लॉन्ग टर्म राजनयिक या आधिकारिक वीजा रखने वालों को 'भारत छोड़ो' आदेश से छूट दी गई है. अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 29 अप्रैल को अटारी-वाघा सीमा क्रॉसिंग पॉइंट के जरिए 10 राजनयिकों सहित कुल 94 पाकिस्तानी नागरिक भारत से चले गए.
सूत्रों ने बताया कि 29 अप्रैल को पाकिस्तानी वीजा वाले आठ भारतीय नागरिक भी अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉसिंग पॉइंट के माध्यम से भारत से चले गए. इसी तरह, 29 अप्रैल को 11 राजनयिकों और अधिकारियों सहित कुल 469 भारतीय उसी रास्ते से पाकिस्तान से लौटे.
पाकिस्तानी नागरिकों ने फ्लाइट के जरिए भी छोड़ा देश
अधिकारियों ने कहा कि कुछ पाकिस्तानी एयरपोर्ट के माध्यम से भी भारत से बाहर गए होंगे, उन्होंने बताया कि चूंकि भारत का पाकिस्तान के साथ सीधा हवाई संपर्क नहीं है, इसलिए वे किसी तीसरे देश के लिए रवाना हो गए होंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 25 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से आगे भारत में न रहे.
मुख्यमंत्रियों के साथ शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें.
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