पहलगाम हमले के 3 संदिग्ध आतंकी श्रीनगर में ढेर, सेना के ऑपरेशन महादेव के बड़े अपडेट

सूत्रों का कहना है कि सेना को श्रीनगर में दो दिन पहले संदिग्ध बातचीत का इनपुट मिला था. इसके बाद सेना ने ऑपरेशन महादेव शुरू किया. यह ऑपरेशन श्रीगनर के घने दाचीगांव जंगलों में शुरू किया गया.

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श्रीगनर में सेना का ऑपरेशन महादेव (Photo: Aaj Tak) श्रीगनर में सेना का ऑपरेशन महादेव (Photo: Aaj Tak)

कमलजीत संधू

  • श्रीनगर,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को किए गए हमले को अंजाम देने वाले संदिग्ध आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया. सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत सोमवार को तीन आतंकियों को मार गिराया. 

श्रीनगर के लिडवास में सेना के ऑपरेशन महादेव के तहत इन आतंकियों को मार गिराया गया. आतंकियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है. साथ ही कई दिनों का राशन भी मिला है. सेना ने इसकी पुष्टि कर दी है.

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सूत्रों का कहना है कि सेना को श्रीनगर में दो दिन पहले संदिग्ध बातचीत का इनपुट मिला था. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने भी सेना को आतंकियों का इनपुट दिया. इसके बाद सेना ने ऑपरेशन महादेव शुरू किया. यह ऑपरेशन श्रीगनर के घने दाचीगांव जंगलों में शुरू किया गया.

सूत्रों के मुताबिक, दाचीगांव में संदिग्ध आतंकियों की सूचना मिलने के बाद यह अंदेशा जताया गया कि इन आतंकियों का पहलगाम हमले से संबंध हो सकता है. सेना की कई टुकड़ियों ने घने जंगलों की तलाशी ली. सोमवार सुबह 11.30 बजे के आसपास सेना की 24 आरआर और 4 पीएआरए टुकड़ियों को इलाके में तीन आतंकियों का पता चला और उन्हें ढेर कर दिया.

यह ऑपरेशन सेना का था लेकिन बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ भी इस ऑपरेशन में शामिल हुए. ढेर किए गए तीनों आतंकी टीआरएफ से जुड़े हुए थे. मारे गए आतंकियों में लश्कर का आतंकी मूसा भी बताया जा रहा है. तीनों आतंकियों के शव ड्रोन से देखे गए. ड्रोन फोटोग्राफी से इसकी पुष्टि की गई. अभी शवों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है.  इसके अलावा दो से तीन आतंकियों के घायल होने की भी गंभीर है. 

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सूत्रों का कहना है कि पिछले 14 दिनों से सेना लश्कर और जैश के ज्वॉइन्ट ग्रुप को ट्रैक कर रहे थे. आतंकियों की संख्या पांच से सात हो सकती है. ऑपरेशन महादेव जबरवान और महादेव पहाड़ियों के बीच चल रहा है. इस वजह से इसका नाम ऑपरेशन महादेव रखा गया.

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बीच तीन आतंकियों का हाथ बताया गया था.

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब संसद में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चर्चा की जानी है. विपक्ष पहलगाम के गुनहगारों को पकड़ने में सक्षम नहीं रहने के लिए लगातार निशाना साधा है.

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