ओडिशा में सेना अधिकारी और मंगेतर के साथ पुलिस हिरासत में मारपीट का मामला, आर्मी और पुलिस के बीच सोशल मीडिया पर विवाद

महिला ने आरोप लगाया है कि भरतपुर पुलिस स्टेशन में उनके साथ मारपीट की गई और उनका यौन उत्पीड़न किया गया, जबकि सेना के अधिकारी और मंगेतर को पुलिस ने अवैध रूप से एक कोठरी में बंद कर दिया. यह घटना तब हुई जब दंपति एक रोड रेज मामले में शिकायत दर्ज कराने गए थे.

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पूर्व सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव और जनरल वीके सिंह (रिटायर) पूर्व सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव और जनरल वीके सिंह (रिटायर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

ओडिशा के एक पुलिस स्टेशन में सेना के एक अधिकारी को कथित तौर पर प्रताड़ित करने और उनकी मंगेतर के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में सेना के बड़े रैंक के अधिकारी और रिटायर पुलिस कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जनरल वीके सिंह (रिटायर) सहित सेना के दिग्गजों ने इस घटना को 'शर्मनाक और भयावह' बताया है, वहीं रिटायर पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि अगर पुलिस दोषी पाई जाती है तो कार्रवाई हो. पुलिस अधिकारियों ने दंपति के व्यवहार पर भी सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि वे नशे में थे. आरोप-प्रत्यारोप तब शुरू हुआ जब कथित तौर पर दंपति को लोगों के एक ग्रुप के साथ हाथापाई करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

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महिला ने आरोप लगाया है कि भरतपुर पुलिस स्टेशन में उनके साथ मारपीट की गई और उनका यौन उत्पीड़न किया गया, जबकि सेना के अधिकारी और मंगेतर को पुलिस ने अवैध रूप से एक कोठरी में बंद कर दिया. यह घटना तब हुई जब दंपति एक रोड रेज मामले में शिकायत दर्ज कराने गए थे. मामले के तूल पकड़ने के बाद पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.

सेना ने क्या कहा?
पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर) और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने पुलिसकर्मियों और उन सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की जो 'पुलिस वर्दी में अपराधियों' को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

वीके सिंह ने ट्वीट किया, 'ओडिशा के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी की मंगेतर के साथ जो हुआ वह शर्मनाक और भयावह है. मुख्यमंत्री को पुलिसकर्मियों और उन सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए जो पुलिस वर्दी में अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.'

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कई दिग्गजों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि अधिकारी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया. उन्होंने कहा कि सेना में इसे लेकर 'जबरदस्त गुस्सा' है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए मेजर गौरव आर्य (रिटायर) ने ट्वीट किया, 'ओडिशा पुलिस ने एक सेना अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और यह अपने आप में एक अपराध है. उन्होंने एक महिला के साथ भी बहुत बुरा व्यवहार किया, उसे अपमानित किया और प्रताड़ित किया... इसके लिए कोई माफी नहीं है.'

मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ (रिटायर) ने ओडिशा पुलिस पर 'छेड़छाड़ करने वालों, रिश्वत लेने वालों, भ्रष्ट पुलिस और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को संरक्षण देने' का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट किया, 'वे सत्य का बचाव नहीं कर रहे हैं. अगर सेना विरोध करती है, तो देश थम जाएगा. क्या सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले संगठनों के साथ ऐसा हो सकता है. घटिया हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.'

पुलिस क्या कह रही है?
इस बीच, पूर्व सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव और ओडिशा के रिटायर पुलिस अधिकारी कल्याण संघ ने पूछा है कि क्या शराब पीकर गाड़ी चलाने, इंजीनियरिंग छात्रों के साथ झगड़ा करने और पुलिस स्टेशन में अराजकता पैदा करने के लिए सेना अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है. हालांकि, उन्होंने कहा है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए.

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वीके सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, नागेश्वर राव ने कहा कि 'एक सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर के शराब पीकर झगड़ा करने और अभद्र व्यवहार' के लिए ओडिशा पुलिस की आलोचना करना सही नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दंपति ने मेडिकल जांच और ब्लड टेस्ट के लिए अस्पताल जाने से इनकार कर दिया. 

पूर्व सीबीआई प्रमुख ने कहा, 'भुवनेश्वर में एक सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर ने 10 पैग शराब पी और रात के करीब 2 बजे कार चलाते हुए, करीब 2:30 बजे इंजीनियरिंग छात्रों के साथ झगड़ा किया और फिर भरतपुर पुलिस स्टेशन में हंगामा करते हुए पहुंच गए. इतना ज्यादा हंगामा हुआ कि स्टाफ को पीसीआर की मदद लेनी पड़ी.' 

इस बात पर जोर देते हुए कि पुलिस बल सेना का सम्मान और आदर करता है, नागेश्वर राव ने सेना से आग्रह किया कि वह अधिकारी को एक 'सैनिक के अनुचित आचरण' और भारतीय सेना के नाम को "बदनाम" करने के लिए दंडित करे. 

राव ने कहा, 'यह उचित नहीं है कि आप (वीके सिंह), सेना प्रमुख (सीओएएस) और बाद में केंद्रीय मंत्री रहते हुए, निष्कर्ष पर पहुंच गए और सेना के एक अधिकारी और उनकी मंगेतर के शराब के नशे में झगड़े और अभद्र व्यवहार के लिए ओडिशा पुलिस को फटकार लगाई, जबकि ओडिशा पुलिस के अधिकारियों की कोई गलती भी नहीं थी.'

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उन्होंने ट्वीट किया, 'लेकिन मैं यह पूछकर भारतीय सेना की निंदा नहीं करूंगा कि 'क्या भारतीय सेना अपने अधिकारियों को इस तरह का अनुशासन देती है और उनमें यह भावना भरती है?.' क्योंकि किसी व्यक्ति का विचलन किसी प्रतिष्ठित संस्थान का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.'

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