आज सावन का पहला सोमवार है. इस मौके पर हरिद्वार से कांवड़ यात्रा के लिए शिव भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है तो दूसरी ओर शिव मंदिर में भी लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. इसकी को ध्यान में रखते हुए यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं. इस मौके पर लाखों कांवड़ियों के साथ-साथ श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर पौड़ी पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी है.
सावन के पहले सोमवार को हजारों कांवड़िएं शिव मंदिरों में जलाभिषेक और हरिद्वार गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. इसके लिए पुलिस-प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं. मंदिरों और घाटों के एंट्री द्वारों पर बैरियर लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है. ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर रूट डायवर्जन लागू किए हैं, ताकि कांवड़ियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो. साथ ही प्रशासन ने क्राउड मैनेजमेंट के लिए एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था की है.
हरिद्वार में कई प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग
प्रशासन का कहना है कि शहर के कई प्रमुख रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है और शहर में सिर्फ वाहनों को सावधानीपूर्वक एंट्री और एग्जिट की परमिशन होगी. साथ ही यूपी में गाजियाबाद,मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी डायवर्जन लागू किया गया है. वहीं, दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर रात आठ बजे से भारी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया और ई-रिक्शों पर भी रोक लगाई है.
प्रशासन ने बताया कि यूपी, दिल्ली और हरियाणा से आने वाले कांवड़िएं बड़ी-बड़ी झांकियां और डीजे लेकर हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंच रहे हैं. जो लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं. हालांकि, सुरक्षा-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बड़े डीजे और बड़ी-बड़ी कांवड़ झांकियों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है.
6 से 7 करोड़ कांवड़ियों के पहुंचने का है अनुमान
उत्तराखंड प्रशासन का कहना है कि कांवड़ यात्रा में भाग लेने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है. पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान चार करोड़ से अधिक कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचे थे. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस साल लगभग छह से सात करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है.
तैनात हैं 7000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस, अर्धसैनिक बल, जल पुलिस (संभावित डूबने की घटनाओं के लिए नदियों और घाटों पर तैनात), खुफिया अधिकारी, विशेष कार्य बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) और आतंकवाद विरोधी दस्ते के 7,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है.
उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया ट्रैकिंग के जरिए से हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
ऑपरेशन कालनेमि शुरू
उत्तराखंड सरकार ने भी साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को धोखा देने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' शुरू किया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'इससे न केवल लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सद्भाव और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है. अगर किसी भी धर्म का कोई व्यक्ति ऐसा कृत्य करते पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.'
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