केंद्रीय सड़क परिवाहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों के इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध एनजीटी के आदेश पर लगाया गया है.
बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गडकरी ने कहा कि सरकार की वाहन स्क्रैपिंग नीति 15 साल पुराने वाहनों के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाती.
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने NCR के राज्यों के परिवहन विभागों को निर्देश दिया है कि एनजीटी के 7 अप्रैल 2015 के आदेश के अनुसार, 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
'व्हीकलों की स्क्रैपिंग के लिए नीति तैयार'
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल तरीके से अनफिट और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए वॉलेंटरी व्हीकल फ्लीट मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (V-VMP) या वाहन स्क्रैपिंग नीति तैयार की है.
उन्होंने कहा, 'इस नीति के तहत... दिल्ली-NCR के अलावा अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चलने वाले निजी वाहनों की पात्रता, स्वचालित परीक्षण स्टेशनों (ATS) द्वारा प्रमाणित उनकी फिटनेस स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाएगी.'
गडकरी ने कहा कि सरकार के नाम पर पंजीकृत वाहनों का इस्तेमाल 15 साल बाद खत्म हो जाएगा. इसके अलावा एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर 13,795 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है. ब्लैक स्पॉट्स का सुधार एक सतत प्रक्रिया है और तत्काल आधार पर अस्थायी उपाय किए जाते हैं.
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