95 शहरों में 40% तक साफ हुई हवा, लेकिन लड़ाई अभी बाकी है...

NCAP success: नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत 95 शहरों ने वायु गुणवत्ता में सुधार किया है, लेकिन केवल 18 शहर ही सुरक्षित मानकों पर पहुंचे हैं. 21 शहरों ने प्रदूषण में 40% से ज्यादा की कमी हासिल की, पर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहर अभी भी सुरक्षित सीमा से दूर हैं.

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131 में से 95 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. 131 में से 95 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

अंकिता तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST

भारत में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के तहत वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में उत्साहजनक नतीजे देखने को मिल रहे हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 131 में से 95 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है. 2019 में लॉन्च किए गए NCAP का शुरुआती लक्ष्य 2025-26 तक PM10 के स्तर को 40 प्रतिशत तक कम करना था, जिसमें 2017-18 को आधार वर्ष माना गया था.

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हालांकि, सरकार ने बाद में 2019-20 को नया आधार वर्ष तय किया. PM10 या 10 माइक्रोग्राम व्यास (diameter) वाले कण सांस के जरिए फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

7 सितंबर को जयपुर में स्वच्छ वायु दिवस पर हुई NCAP की चौथी बैठक में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने CPCB के आंकड़ों के आधार पर घोषणा की कि NCAP के तहत 131 में से 95 शहरों में सुधार हुआ है, और 21 शहरों ने PM10 प्रदूषण को 40 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य समय से दो साल पहले ही हासिल कर लिया है.

वायु गुणवत्ता में प्रगति

CPCB के आंकड़ों के अनुसार, धनबाद (झारखंड) और वाराणसी (उत्तर प्रदेश) जैसे शहरों में PM10 के स्तर में 81 प्रतिशत और 68 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे इनका प्रदूषण स्तर नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड (NAAQS) की सीमा में आ गया है. PM10 के लिए NAAQS की सीमा 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m3) निर्धारित है.

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बरेली, फिरोजाबाद और देहरादून जैसे अन्य शहरों ने भी महत्वपूर्ण प्रगति की है, जहां PM10 प्रदूषण में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है.

स्थायी चुनौतियाँ

वर्तमान में केवल 18 शहर, जैसे तूतीकोरिन (तमिलनाडु), कडप्पा (आंध्र प्रदेश), और सुंदरनगर (हिमाचल प्रदेश), NAAQS के PM10 मानकों को पूरा कर रहे हैं. कई शहरों में, जहां प्रदूषण स्तर में सुधार हुआ है, PM10 का स्तर अभी भी सुरक्षित सीमा से ऊपर है.

उदाहरण के लिए, दिल्ली ने PM10 के स्तर में 14 प्रतिशत की कमी की है, लेकिन फिर भी 2023-24 में इसका स्तर 208µg/m³ दर्ज किया गया, जो मानक सीमा से काफी ऊपर है. इसी तरह, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों ने क्रमशः 42 प्रतिशत और 36 प्रतिशत की कमी हासिल की है, लेकिन NAAQS मानकों को पूरा करने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं.

सुधार के अलग-अलग स्तर

जहां 21 शहरों ने 40 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य पार कर लिया है, वहीं कई अन्य शहरों में कम सुधार हुआ है. 14 शहरों, जैसे अहमदाबाद (गुजरात) और गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश), में PM10 के स्तर में 30-40 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि हैदराबाद (तेलंगाना) और वडोदरा (गुजरात) जैसे शहरों ने 20-30 प्रतिशत की कमी दर्ज की है. कुछ शहरों में बहुत कम सुधार हुआ है, जो NCAP के लक्ष्यों से पीछे रह गए हैं.

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95 शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार, सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों और उन्नत वायु गुणवत्ता निगरानी का नतीजा है. हालांकि, सिर्फ 14 शहर NAAQS के PM10 मानकों को पूरा कर पाए हैं.

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