देशभर में इस बार मॉनसून ने जमकर तबाही मचाई. पहाड़ों का हाल-बेहाल हो गया और मैदानी इलाकों में नदियां लबालब हैं. जगह-जगह से तबाही की डरावनी तस्वीरें सामने आईं लेकिन अब सितंबर के करीब 10 दिन बीत जाने के बाद मॉनसून की रफ्तार धीमी हो गई है. मौसम विभाग के अनुसार सितंबर के शुरुआती हफ्ते में मॉनसून कमजोर पड़ गया है और अगले दिनों में कहीं-कहीं हल्की-फुल्की बारिश तो हो सकती है, लेकिन भारी बारिश की संभावना बेहद कम है.
लेकिन इस वजह से लोगों को राहत मिलने के बजाय चिपचिपी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. नमी के साथ तापमान बढ़ने से उमस तेज होगी और खासकर मैदानी इलाकों में तापमान फिर से ऊपर जा सकता है. दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अब बूंदाबांदी तक ही रहने के आसार हैं. पहाड़ों को भी अब बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है. स्काईमेट के मुताबिक, 8 से 15 सितंबर के बीच मॉनसून की रफ्तार थमने के आसार हैं.
"फिलहाल पाकिस्तान में मौजूद गहरा डिप्रेशन धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा. इसका बचा-खुचा असर आज बस गुजरात में देखने को मिल सकता है. उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी कोई नया सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं बन रहा. ऐसे में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी यूपी में मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा. वहीं, पश्चिमी तट (साउथ गुजरात से लेकर केरल, कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक) पर भी बारिश गतिविधि बेहद कम रहेगी.
अनुमान है कि अगले एक हफ्ते तक राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी तट पर बारिश बहुत कम होगी. वहीं, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और तेलंगाना में मध्यम स्तर की व्यापक बारिश होगी. पूर्वोत्तर भारत में भी बारिश दोबारा सक्रिय होगी.
इसके अलावा, कमजोर मॉनसून की स्थिति में दक्षिण भारत के हिस्सों में भी बारिश बढ़ती है. इस दौरान तटीय तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों में मध्यम बारिश के आसार हैं. पिछले 10 दिनों की मूसलाधार बरसात के मुकाबले अब औसत दैनिक बारिश काफी कम रहने का अनुमान है. बता दें कि सितंबर महीने में मॉनसून सुस्त पड़ना शुरू हो जाता है और 15 सितंबर के बाद इसकी विदाई शुरू हो जाती है, जो आमतौर पर 15 अक्तूबर तक चलती है.
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