Monsoon 2022: विदा होने लगा मॉनसून, लेकिन इन 8 राज्यों को दे गया झटका, जानिए वजह

Weather Update, Monsoon Report: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में कम बारिश दर्ज की गई है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का मौसम 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक जारी रहता है. भारत में 1 जून से 20 सितंबर के बीच 878.5 मिमी वर्षा हुई.

Advertisement
Monsoon 2022 Monsoon 2022

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:01 PM IST

Weather Update, Monsoon 2022: दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों समेत कई राज्यों से पीछे हटना शुरू कर दिया है. साल 2016 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में मॉनसून की वापसी शुरू हो गई है. यूपी, बिहार समेत कई राज्य हैं, जहां पर इस मॉनसून सीजन में कम बरसात रिकॉर्ड की गई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ट्वीट किया, "दक्षिण पश्चिम मॉनसून राजस्थान और उससे सटे कच्छ के हिस्सों से आज वापस आ गया है, जबकि दक्षिण पश्चिम राजस्थान से 17 सितंबर को वापसी की सामान्य तिथि है." 

Advertisement

मौसम कार्यालय ने कहा कि मॉनसून की वापसी की शर्तें - पांच दिनों तक बारिश नहीं होना है. दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी की रेखा खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर और नलिया से होकर गुजरती है. मौसम कार्यालय के अनुसार, भारत में 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, लेकिन आठ राज्यों - उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में कम बारिश दर्ज की गई. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का मौसम 1 जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक जारी रहता है. भारत में 1 जून से 20 सितंबर के बीच 878.5 मिमी वर्षा हुई, जो समीक्षाधीन अवधि के लिए 822 मिमी की सामान्य वर्षा से 7 प्रतिशत अधिक थी.

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कम बारिश से राज्यों में धान की बुआई प्रभावित हुई है. 16 सितंबर तक खरीफ सीजन के दौरान धान की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में 18.90 लाख हेक्टेयर कम था. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 16 सितंबर तक धान की बुवाई का रकबा 399.03 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल 417.93 लाख हेक्टेयर था. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 13 बड़ी कमी (-60 से -99 प्रतिशत वर्षा की कमी) की श्रेणी में और 46 जिले-20 से -59 प्रतिशत की कमी की श्रेणी में हैं. इसके अलावा, झारखंड के 20 जिलों, बिहार के 10 जिलों और पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 75 प्रतिशत से कम बुवाई हुई है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement